ABC News: जम्मू-कश्मीर में बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल की ओवरआर्च का काम पूरा हो गया. शनिवार को पुल का गोल्डन जॉइंट (आखिरी जोड़) लगाया गया. इसके बाद पुल बनाने का 98% काम पूरा हो गया है. इस मौके पर वर्कर्स ने तिरंगा फहराया और आतिशबाजी भी की. ब्रिज का निर्माण कोंकण रेलवे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत हुआ है. इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 28,000 करोड़ रुपए है.
Golden joint work completed.
Deck closure ceremony at the world’s highest rail bridge.
Jai Hind ??!#ChenabBridge #ArchBridge pic.twitter.com/bqUYLcTJhv— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) August 13, 2022
कोंकण रेलवे के चेयरमैन और एमडी संजय गुप्ता ने कहा कि इस ब्रिज को बनाने में लंबा समय लगा है. खराब मौसम, सर्दी, ऊंचाई इसे बनाने में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. पुल का निर्माण मुंबई स्थित बुनियादी ढांचा प्रमुख Afcons की ओर से किया गया है. रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर पर चिनाब ब्रिज का वीडियो शेयर की. गोल्डन जॉइंट सिविल इंजीनियर्स की ओर से दिया गया एक टर्म है. गोल्डन जॉइंट वह जॉइंट है, जिसमें किसी नए पाइपिंग कंपोनेंट की वेल्डिंग मौजूदा लाइन से कर दी जाती है. गोल्डन जॉइंट के जरिए हाई स्ट्रेंथ फ्रिक्शन ग्रिप बोल्ट की मदद से ब्रिज और ब्रिज ओवरआर्क डेक के दो हिस्सों को जोड़ दिया जाएगा. इसका मतलब यह नहीं है कि जॉइंट की वेल्डिंग सोने से होगी. Afcons के उप प्रबंध निदेशक गिरिधर राजगोपालन ने कहा, ‘हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि गोल्डन जॉइंट के खत्म होने के बाद पुल का काम लगभग 98 प्रतिशत पूरा हो जाएगा.’ Afcons चिनाब ब्रिज के अलावा कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के लिए जम्मू-कश्मीर में 16 और भी रेलवे पुलों का निर्माण कर रहा है. सभी पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा हैं.
दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्च रेलवे ब्रिज रियासी जिले में बक्कल और कौड़ी के बीच बनाया गया है. 1.3 किमी लंबे रेल ब्रिज की नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है. यह 324 मीटर ऊंचे एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है. ब्रिज 17 केबल्स पर टिका है. इस पुल पर 8 तीव्रता वाले भूकंप का असर नहीं होगा. यह 260 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा को सह सकता है. इस ब्रिज में ब्लास्ट लोड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है. किसी भी विस्फोट और प्रेशर का ब्रिज पर असर नहीं होगा. 111 किमी लंबे कटरा और बनिहाल मार्ग पर रेल ब्रिज बनने से कश्मीर रेलमार्ग के जरिए देश से जुड़ जाएगा. अभी बनिहाल और बारामूला के बीच रेल है, पर कटरा-बनिहाल के बीच नहीं है. माना जा रहा है कि इस साल दिसंबर तक इसे जनता को सौंप दिया जाएगा.