ABC NEWS: इटली की एक महिला सांसद इन दिनों खूब चर्चा में हैं. यह चर्चा उनके एक ऐतिहासिक कदम को लेकर हो रही है. इटली की सांसद गिल्डा स्पोर्टिएलो संसद में अपने बच्चे को स्तनपान (ब्रेस्टफीडिंग) कराने वाली पहली राजनेता बन गई हैं. गिल्डा स्पोर्टियेलो ने बुधवार को चैंबर ऑफ डेप्युटी (निचले सदन) में अपने नवजात बच्चे को स्तनपान कराया. 36 वर्षीय सांसद ने अपने दो महीने के बेटे फ्रेडरिको को भरी संसद में दूध पिलाया. उनके इस कदम की सराहना करते हुए सभी सांसदों ने तालियां बजाईं. इटली की संसद के निचले सदन को पुरुष प्रधान माना जाता है. ऐसे में गिल्डा स्पोर्टियेलो के इस कदम की जमकर तारीफ हो रही है.
“Fa il suo esordio in aula il piccolo, piccolissimo, figlio Federico, della nostra collega Sportiello: è per la prima volta, con l’unità dei Gruppi, in aula con noi”
L’annuncio in Aula alla #Camera il presidente di turno #GiorgioMulè provoca gli applausi di tutti i deputati pic.twitter.com/sI8ZqvJhiv
— Fanpage.it (@fanpage) June 7, 2023
गिल्डा स्पोर्टियेलो संसद में वोटिंग करने के लिए अपने बच्चे को साथ लाईं थीं. उन्होंने पहले वोट किया और फिर अपने बच्चे के साथ ऊंची बेंचों पर जाकर बैठ गईं. इसके बाद उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ बच्चे को स्तनपान कराना शुरू किया. साथी सांसद काफी देर तक तालियां बजाते रहे. संसदीय सत्र की अध्यक्षता करते हुए जियोर्जियो मुले ने कहा कि ये पहली बार हुआ है, जब सभी पार्टियों के समर्थन के साथ किसी महिला ने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराई है.
इटली की वामपंथी फाइव-स्टार मूवमेंट पार्टी से जुड़ी गिल्डा स्पोर्टिएलो ने कहा कि कई महिलाएं समय से पहले ही बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाना बंद कर देती हैं. स्पोर्टिएलो ने रॉयटर्स के हवाले से कहा, “बहुत सी महिलाएं समय से पहले स्तनपान बंद कर देती हैं. वे ऐसा अपनी इच्छा से नहीं करती हैं, बल्कि इसलिए करना पड़ता है क्योंकि उन्हें कार्यस्थल पर लौटने के लिए मजबूर किया जाता है.”
उन्होंने कहा, “आज से अगर इटली की सर्वोच्च संस्थाएँ कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल पर नर्स रखने की अनुमति देती हैं, तो किसी भी पेशे में किसी भी महिला को इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.” ला रिपब्लिका दैनिक ने स्पोर्टिलो के हवाले से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनका कदम इटली में सभी कार्यस्थलों को प्रेरित करेगा ताकि कामकाजी माताओं के लिए अपने शिशुओं की देखभाल करना आसान हो सके.