ABC News: नेपाल का माउंट मानसलू बेस कैम्प शनिवार को एक बार फिर बड़े हिमस्खलन की चपेट में आ गया. एक सप्ताह पहले भी यहां हिमस्खलन की घटना हुई थी, जिसमें 2 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी. वहीं एक दर्जन से अधिक क्लाइम्बर घायल हो गए थे. इनमें से 5 को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि 7 को सुरक्षित बचा लिया गया था. वहीं लापता अमेरिकी पर्वतारोही हिलारी नेल्सन मृत पाई गई थीं. गोरखा पुलिस के मुताबिक, एक अन्य मृतक की पहचान क्लाम्बिंग असिस्टेंट अनूप राय के रूप में हुई. शिविर IV के ठीक नीचे के मार्ग में हिमस्खलन की चपेट में आने से यह घटना हुई. सेवन समिट ट्रेक्स, सटोरी एडवेंचर, इमेजिन नेपाल ट्रेक्स, एलीट एक्सपीडिशन और 8K एक्सपेडिशन के शेरपा पर्वतारोही इसमें घायल हुए थे.
#WATCH | A fresh avalanche has hit the Manaslu Base Camp today. It has come a week after the last one, which had left two persons dead.#Nepal
(Video source: Tashi Lakpa Sherpa) pic.twitter.com/XLTbDVFq2G
— ANI (@ANI) October 2, 2022
नेपाल की माउंट मनासलू चोटी फतह करने के लिए गाजियाबाद के सागर कसाना भी रवाना हुए थे. सोमवार को हाड़ गला देने वाली ठंड़ में वह पर्वतारोही दल के साथ रास्ते में ही थे और बर्फीला तूफान में फंस गए, जिन्हें नेपाल के रेस्क्यू दल ने तीन अन्य पर्वतारोही के साथ सुरक्षित कैंप-2 में पहुंचाया. उन्होंने काठमांडू से किसी नंबर से अपने परिवार को सुरक्षित होने का मैसेज भेजा. पर्वतारोही सागर कसाना 2 सितंबर को माउंट मनासलु चोटी के लिए रवाना हुए थे. वह बेस कैंप से, कैंप-एक और दो से आगे बढ़ते हुए सोमवार को तीसरे कैंप के लिए चढ़ाई शुरू की थी. इसी बीच बर्फीला तूफान आया, जिसने कई पर्वतारोही को अपनी चपेट में ले लिया. नेपाल में स्थित माउंट मानसलू दुनिया की आठवीं सबसे ऊंची (8163 मीटर) पर्वत चोटी है. गत 1 अक्टूबर को लद्दाख के जिगमेत थारचिन ने बिना ऑक्सीजन सिलिंडर साथ लिए इस चोटी को फतह करने का रिकॉर्ड कायम किया. थारचिन के अनुसार वह बिना ऑक्सीजन सिलिंडर मानसलू के शिखर पर पहुंचने वाले देश के पहले पर्वतारोही बन गए हैं. वहीं, लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर ने जिगमेत थारचिन की उपलब्धि को बड़ी बताते हुए कहा कि यह सफलता कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है. लेह जिले में तिया गांव के रहने वाले जिगमेत थारचिन एवरेस्ट को फतह करने वाले लद्दाख के पहले नागरिक रह चुके हैं. लद्दाख माउंटेन गाइड एसोसिएशन के सदस्य और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग से प्रशिक्षण लेकर थारचिन 6000 मीटर से ज्यादा ऊंची कई चोटियां फतह कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि अब तक की उपलब्धियाें में से मानसलू की चुनौती और भी मुश्किल थी. मौसम की दुश्वारियों और भौगोलिक चुनौतियों के बीच दुनिया की आठवीं सबसे ऊंची चोटी पर बिना ऑक्सीजन सिलिंडर साथ लिए पहुंचना मुश्किल था. वहीं, लद्दाख प्रशासन ने इस उपलब्धि को अन्य युवाओं के लिए बड़ी प्रेरणा बताया है.