ABC NEWS: मणिपुर में हिंसा पर अभी विराम नहीं लगा है. मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ 3 मई को शुरू हुई हिंसा को 21 दिन गुजर चुके हैं. कई दिनों के कर्फ्यू के बाद ढील दे दी गई थी लेकिन फिर भड़की हिंसा के चलते कर्फ्यू लगा दिया गया है. बुधवार को पीडब्लूडी मंत्री गोविंदास कोंथोइजम के घर पर हमला कर दिया गया. विष्णुपुर जिले के त्रोंग्लाओबी गांव में भी हिंसा हुई। हिंसा की घटना में एक शख्स की मौत हो गई.
गुरुवार को भाजपा विधायक गुवाहाटी जाकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. इन दिनों अमित शाह मणिपुर के दौरे पर हैं. जानकारी के मुताबिक तोइजाम चंद्रिमणि नाम के युवक को हिंसा के दौरान गोली लग गई. चंद्रमणि ने बाद में दम तोड़ दिया. इस इलाके में कर्फ्यू फिर से लगा दिया गया.
बिशनपुर, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्वी जिलों में कर्फ्यू में जो ढील दी गई थी उसे वापस ले लिया गया. विष्णुपुर में हिंसा के बाद लोग सड़कों पर भी उतर आए. लोग राहत शिविर से बाहर निकल आए. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने गोलियां चलाईं. मंगलवार को चुराचांदपुर इलाके में भी मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के घरों में आग लगा दी गई थी. सेना के मुतताबिक कांगचुक चिंगखोंग जंक्शन पर भी पांच राउंड गोली चली थी. इसके अलावा एक मारुति अल्टो कार को आग के हवाले कर दिया गया. कई जगहों पर ग्रेनेड भी फेंके गए। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
मणिपुर में हुई हिंसा के बाद पूर्वोत्तर के कई अन्य राज्य भी चिंतित हैं. मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा कि मणिपुर की समस्या गंभीर है और सीएम को दंगाइयों पर कड़ी कार्रवाी करनी चाहिए. नगालैंड ने भी अपनी सीमा पर सख्ती की है. बता दें कि मणिपुर में आधी आबादी मैतेई समुदाय की है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मैतेई समुदाय की मांग पर विचार करें और चार महीने के भीतर सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी जाए. मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें एसटी का दर्जा दिया जाए.
मैतेई समुदाय का कहना है कि आजादी से पहले उन्हें जनजाति का दर्जा मिला हुआ था. वहीं बीते कुछ सालों में मैतेई समुदाय की आबादी गिरी है. मैतेई समुदाय की मांग है कि उसकी सांस्कृतिक पहचान को बचाने के लिए आरक्षण दिया जाना चाहिए. वहीं नगा और कुकी जनजाति इसके विरोध में है. नगा और कुकी राज्य की आबादी के करीब 34 फीसदी हैं.