ABC NEWS: उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के लिए 6 इंच की पाइपलाइन नई लाइफलाइन बन गई है. मजदूरों को इस पाइप से पहली बार गर्म खाना भेजा गया तो अब उनकी तस्वीरें भी सामने आईं हैं. राहत की बात यह है कि सुरंग में मलबे के ढेर के पीछे मजदूर स्वस्थ दिख रहे हैं. ये सभी टनल में मलबा गिरने की वजह से 10 दिन से फंसे हैं.
रेस्क्यू टीम ने नई पाइपलाइन के सहारे मलबे के पीछे एक कैमरा पहुंचा दिया है. बाहर स्क्रीन पर अब उनकी हर पल निगरानी की जा सकेगी। पहले वीडियो में दिख रहा है कि अंदर रोशनी का पर्याप्त इंतजाम है. सभी मजदूर कैमरे के सामने खड़े होकर वॉकी-टॉकी से बात कर रहे हैं. टीम के सभी सदस्य आसपास ही खड़े हैं और पूरी तरह फिट दिख रहे हैं.
रात को भेजी खिचड़ी, सुबह भी गर्म नाश्ता
10 दिन तक चना, मखाना आदि खाकर जिंदा रहे मजदूरों को सोमवार रात खिचड़ी भेजी गई. बोतलों में भरकर पाइप के सहारे उन तक खिचड़ी भेजी गई. सुबह भी उनके लिए गर्म नाश्ता तैयार किया गया। मजदूरों के पास मोबाइल, चार्जर जैसे उपयोगी सामान भी पहुंचाया गया है.
बड़ी ड्रिलिंग मशीन पहुंची
टनल साइट पर एक बड़ी ड्रिलिंग मशीन भी पहुंच गई है, जिसकी मदद से टनल में ऊपर से ड्रिल किया जाएगा. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए एक साथ 5 ऐक्शन प्लान पर काम किया जा रहा है. मलबे में ऑगर मशीन के जरिए लोहे की पाइप डालने की कोशिश की जा रही है.
सभी मजदूर सुरक्षित- सीएम धामी
सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग के अंदर फँसे श्रमिकों से पहली बार एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे के माध्यम से बातचीत कर उनका कुशलक्षेम पूछा गया। सभी श्रमिक बंधु पूरी तरह सुरक्षित हैं। pic.twitter.com/vcr28EHx8g
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 21, 2023
मजदूरों को निकालने की कोशिश होगी तेज
आज मजदूरों को निकालने की कोशिश और तेज होगी. दो तरफ से खुदाई शुरू की जाएगी. इससे पहले सोमवार को 57 मीटर लंबी और 6 इंच चौड़ी पाइप के जरिए मजदूरों को खाना पीना पहुंचाया गया. इसके अलावा वॉकी टॉकी भी भेजा गया. बीआरओ ने पहाड़ की ऊंचाई तक रास्ता काट कर सड़क तैयार की है. इसी के सहारे ड्रिल मशीन पहाड़ के ऊपरी हिस्से तक पहुंची है.
गुफा के मुहाने से सुरंग के भीतर 40 मी के खतरनाक हिस्से को सुरक्षित कर लिया गया है और रेस्क्यू में जुटी टीम की सुरक्षा के लिए अल्टरनेटिव माइक्रो टनल बना दी गई है. आपात स्थिति में पूरी बचाव टीम इस माइक्रो चैनल में 40 मीटर के हिस्से से भाग कर बाहर आ सकती है.