ABC NEWS: आज अनंत चतुर्दशी व्रत है और गणेश विसर्जन भी आज ही है. .आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान अनंत की पूजा करते हैं और अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) व्रत कथा का श्रवण या पाठ करते हैं. इस व्रत को करने से पाप मिटेगा और मृत्यु के बाद विष्णु लोक में स्थान प्राप्त होगा.
गणेश चतुर्थी के दिन से भगवान गणेश अपने भक्तों के घरों और पंडालों में विराजमान हैं. 10 दिनों तक गणेश जन्मोत्सव मनाने के बाद आज अनंत चतुर्दशी को गणपति बप्पा की विदाई करते हैं और विधि विधान से गणेश जी का विसर्जन (Ganesh Visarjan) करते हैं. गणेश जी को लोग डेढ़ दिन, तीन दिन, पांच दिन, सात दिन और नौ दिन के लिए स्थापित करते हैं और फिर शुभ मुहूर्त में विदा कर देते हैं. जो लोग नौ दिनों तक बप्पा को अपने घर रखते हैं, वे आज 10वें दिन चतुर्दशी को हर्षोल्लास के साथ विदा करते हैं, ताकि वे फिर अगले बरस आएं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि चतुर्दशी तिथि 08 सितंबर को रात 09:02 बजे से लेकर 09 सितंबर को शाम 06:07 बजे तक है. आज रवि योग और सुकर्मा योग बना हुआ है. ये दोनों ही योग शुभ फल प्रदान करने वाले होते हैं. आइए जानते हैं मुहूर्त, व्रत कथा और पूजा विधि.
गणेश विसर्जन मुहूर्त 2022
इस साल गणेश विसर्जन 09 सितंबर दिन शुक्रवार को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा.
सुबह में गणेश विसर्जन का शुभ समयः 06 बजकर 03 मिनट से 10 बजकर 44 मिनट तक
दोपहर में गणेश विसर्जन का शुभ समयः 12 बजकर 18 मिनट से दोपहर 01 बजकर 52 मिनट तक
शाम में गणपति विसर्जन का मुहूर्तः शाम 05 बजकर 06 मिनट से शाम 06 बजकर 31 मिनट तक.
गणेश विसर्जन की विधि
अनंत चतुर्दशी को प्रातः बप्पा की नियमित पूजा करें. उसके बाद शुभ मुहूर्त में उनकी विदाई करें. इसके लिए एक चौकी पर या फिर लकड़ी के पटरे को पवित्र करें. उस पर पीले रंग का या लाल रंग का कपड़ा बिछा दें और उस पर स्वस्तिक भी बना दें. अब आप गणेश जी को ढोल-नगाड़ों और जयकारों की गूंज के साथ पूजा स्थान से उठाकर चौकी या पटरे पर विराजमान करा दें.
अब बप्पा का फूल, फल, मोदक, चंदन, कुमकुम आदि से पूजन करें. फिर जयकारे के साथ नदी तट या तालाब के किनारे ले जाएं. वहां पर बप्पा की आरती करें और उनसे मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आशीष मांगे. फिर बप्पा से कहें कि जिस प्रकार से इस साल आकर आपने जीवन में खुशियां दी हैं, वैसे ही अगले साल भी आप हमारे घर पधारें. पूजा में हुई कमियों और गलतियों के लिए माफी मांगें. फिर उनको जल में विसर्जित कर दें.
अनंत चतुर्दशी व्रत को भगवान अनंत की पूजा करते हैं और अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) व्रत कथा का श्रवण या पाठ करते हैं. इस व्रत को करने से पाप मिटेगा और मृत्यु के बाद विष्णु लोक में स्थान प्राप्त होगा. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि चतुर्दशी तिथि 08 सितंबर को रात 09:02 बजे से लेकर 09 सितंबर को शाम 06:07 बजे तक है. आज रवि योग और सुकर्मा योग बना हुआ है. ये दोनों ही योग शुभ फल प्रदान करने वाले होते हैं. आइए जानते हैं मुहूर्त, व्रत कथा और पूजा विधि.
अनंत चतुर्दशी 2022 पूजा मुहूर्त
आज भगवान अनंत की पूजा करने का शुभ समय सुबह 06:03 बजे से लेकर शाम 06:07 बजे तक है. पूजा का शुभ समय रवि योग में ही है और शोभन योग शाम तक है.
अनंत चतुर्दशी व्रत और पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत और पूजा का संकल्प किया जाता है. फिर कलश स्थापना करते हैं, उस पर कुश से बने हुए भगवान अनंत को स्थापित करते हैं. उसके बाद कच्चे सूत में हल्दी, कुमकुम और केसर लगाकर अनंत धागा बनाते हैं और उसे कलश के पास रख देते हैं. फिर भगवान अनंत की पूजा करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं कि हे भगवान वासुदेव आप हम सभी की रक्षा करें.