ABC NEWS: 21वीं सदी की दुनिया में भले ही अंधविश्वास को लोग न मानें. मगर, भारत में गंगा दशहरा पर देश के कई इलाकों में गंगा के किनारे तांत्रिकों की गद्दियां सज गई हैं. मंगलवार को गंगा दशहरा है. ऐसे में कानपुर के प्राचीन बिठूर घाट पर सोमवार से ही भूत-प्रेत से निजात दिलाने का दावा करने वाले तांत्रिक पहुंच गए हैं.
देश के कोने-कोने से यहां तांत्रिक आए हैं. उनके साथ वे लोग भी पहुंच रहे हैं, जो उनके तंत्र-मंत्र के द्वारा अपने पर आने वाले भूत-प्रेत की बाधा को दूर करने की आशा रखते हैं. आलम यह है कि सोमवार शाम से ही बिठूर घाट पर गद्दी लगकर तंत्र-मंत्र शुरू हो चुका है.
सूरज डूबते ही शुरू हो गया झाड़-फूंक का सिलसिला
बिठूर में हर साल दशहरा की रात से ही झाड़-फूंक करने वाले अपनी-अपनी जगह तय करके तंत्र-मंत्र करने में जुट जाते हैं. सोमवार की शाम से ही यहां तांत्रिक अपने-अपने समर्थकों के साथ पहुंच चुके हैं. उनकी गद्दी लग गई है. कई तांत्रिकों ने तो सूरज डूबते ही झाड़-फूंक शुरू कर दिया.
ऐसे में कई तांत्रिक दावा कर रहे हैं कि दशहरे के दिन गंगा नहाने से भूत-प्रेत की बाधा दूर होती है. बिठूर घाट पर शाम से ही पूजा कर एक परिवार का भूत बाधा दूर करने का दावा कर रहे तांत्रिक रमेश चंद का कहना है कि दशहरे पर गंगा नहाने से भूत-प्रेत की बाधा दूर होती है. हम लोग उसी की पूजा करा रहे हैं.
डिजिटल इंडिया में भी कम नहीं हुआ है अंधविश्वास
वहीं, तांत्रिकों के पास पहुंचे लोग पूरे विश्वास से दावा कर रहे हैं कि यहां पूजा पाठ करने और गंगा नहाने से उनकी भूत-प्रेत की बाधा दूर हो जाएगी. अब यह काला साया कितना दूर होगा, यह तो पता नहीं. मगर, आज की 21वीं सदी के डिजिटल इंडिया में अंधविश्वास कम नहीं हुआ है.
तांत्रिकों के कहने पर लोग अंधी दौड़ लगा रहे हैं. बहरहाल, मंगलवार को दशहरा के दिन तंत्र-मंत्र की लंबी कतार चलने वाली है. यहां देश के दूर-दूर जिलों से लोग यहां अपने तंत्र-मंत्र कराने और झाड़-फूंक कराने पहुंचने लगे हैं.