पाकिस्तान रेलवे के पहिए थमे, इंजन चलाने के लिए नहीं हैं ईंधन, कई ट्रेनें रद्द

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ABC NEWS: पाकिस्तान इस समय ईंधन संकट से जूझ रहा है. ईंधन की बिगड़ती स्थिति के परिणामस्वरूप पाकिस्तान रेलवे (पीआर) की सेवाएं बाधित हो रही हैं और धीरे-धीरे ट्रेनों का परिचालन बंद करना पड़ रहा है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पीआर के अनुसार पूरे पाकिस्तान में रेल सेवाओं के ठप होने के कई कारण हैं, जिनमें राजस्व की कमी भी शामिल है. क्योंकि कई राज्य बाढ़ के मद्देनजर वित्तीय समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं.

कई स्टेशनों पर इंजन चलाने के लिए भी आवश्यक ईंधन नहीं है. हालांकि पाकिस्तान रेलवे समस्या को दूर करने के लिए निजी फर्मों से डीजल ले रहा है. इस बीच, सूत्रों ने कहा कि राजस्व में कमी ही ईंधन संकट की सबसे बड़ी वजह है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अतिरिक्त महाप्रबंधक अमीर बलूच ने किसी भी डीजल संकट से इनकार किया और कहा कि पीआर एक निजी फर्म से डीजल आउटसोर्स कर रहा है. रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि रेलवे आवश्यकता के अनुसार निजी कंपनी से डीजल लेना जारी रखेगा.

सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के कई राज्य बाढ़ की समस्या से जूझ रहे है. जिसकी वजह से पाकिस्तान रेलवे मासिक आय अर्जित करने में असमर्थ रहा है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के हवाले से बताया कि पाकिस्तान रेलवे (PR) के सूत्रों से पता चला कि लाहौर इंजन शेड प्रशासन के पास केवल 90 हजार लीटर डीजल था. वहीं मंगलवार तक फैसलाबाद स्टेशन पर ट्रेन चलाने के लिए एक दिन का भी ईंधन नहीं था. वहीं मुल्तान और सुक्कुर संभाग में यह समस्या कहीं अधिक गंभीर है. मिली जानकारी के अनुसार इन नेटवर्क पर अभी भी चलने वाली एकमात्र समर्पित मालगाड़ी और दो यात्री ट्रेनों को लाहौर प्रशासन की तरफ से जरूरी डीजल प्रदान किया जा रहा था.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में, लाहौर और रावलपिंडी के बीच केवल एक ट्रेन और पेशावर से रोहरी स्टेशन तक एक खैबर मेल ट्रेन और कुछ मालगाड़ियों का परिचालन हो रहा है. विशेष रूप से, पाकिस्तान का ऊर्जा संकट और अधिक खराब हो सकता है, क्योंकि देश सस्ती दर पर एलएनजी (LNG) खरीदने की कोशिश कर रहा है. जबकि पूरा विश्व रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से ऊर्जा संकट की तरफ अग्रसर है.

पाकिस्तान में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक है. कच्चे तेल की कीमतें 86 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हैं. देश का लगभग दो-तिहाई बिजली उत्पादन भी जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) पर आधारित है.

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