टैलेंट सिर्फ शहरी लोगों की जागीर नहीं, CJI चंद्रचूड़ ने ओडिशा का उदाहरण क्यों दिया?

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ABC NEWS: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डॉ. जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ नेओडिशा के 10 अलग-अलग जिलों में वर्चुअली हाई कोर्ट का उद्घाटन किया. इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिभा की कोई भौगोलिक सीमा नहीं होती है और यह उन लोगों का ‘एकाधिकार’ नहीं है जो महानगरों में रहते हैं. उन्होंने राज्य भर में बार के सदस्यों से ‘वर्चुअल हाई कोर्ट’ के महत्व को भी समझाया. सीजेआई ने ओडिशा के चीफ जस्टिस की तारीफ की. कहा कि दो साल पहले किसने सोचा था कि ओडिशा के हर जिले में हाई कोर्ट होगा लेकिन, आज वर्चुअली हाईकोर्ट शुरू करके यह मुमकिन हो सका है.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को ओडिशा में वर्चुअल हाईकोर्ट का उद्घाटन करते हुए ओडिशा के चीफ जस्टिस डॉ. एस. मुरलीधर के नेतृत्व की तारीफ की. उन्होंने कहा कि ओडिशा हाईकोर्ट ने न्याय प्रदान करने के लिए तकनीक को अपनाने के क्षेत्र में खुद को ‘अग्रणी’ साबित किया है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि ओडिशा ने यह साबित कर दिखाया है कि आज प्रतिभा की कोई भौगोलिक सीमा उन लोगों का एकाधिकार नहीं है जो सिर्फ महानगरों में रहते हैं.

उन्होंने कहा, “ओडिशा हाई कोर्ट ने रिकॉर्ड्स का डिजिटीकरण किया है, पेपरलेस कोर्ट का उद्घाटन किया, कमजोर गवाह बयान केंद्रों (वीडब्ल्यूडीसी) की स्थापना की है और डिजिटल रिकॉर्ड रूम (आरआरडीसी) तैयार किया है और बहुत कम समय में इतना बहुत कुछ किया है.

सीजेआई ने कहा कि दो साल पहले इनमें से अधिकतर ई-पहल सपने की तरह लगती थीं. राज्य के हर जिले में संचालित उड़ीसा हाईकोर्ट के बारे में सोच कर आम नागरिक शायद हंस सकता था. शायद ही उन्होंने इन ई-पहलों को भविष्य की फिल्म के दृश्य का हिस्सा माना होगा लेकिन आज यह सब हकीकत है.

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