ABC NEWS: अब संदिग्ध वक्फ संपत्तियों की जांच शुरू होगी. अब तक सुन्नी वक्फ बोर्ड दो हजार से अधिक वक्फ संपत्तियों की पहचान कर इनकी मैपिंग कर चुका है. गांवों के स्तर तक मैपिंग हो चुकी है. ऐसी कई संपत्तियां पाई गई हैं जो कभी वक्फ बोर्ड में पंजीकृत थीं लेकिन अब उन पतों पर नहीं हैं. मुस्लिम यतीमखाना के पास भी कई वक्फ संपत्तियां हैं. संदेह जताए जाने के बाद अब एक टीम शनिवार को इसकी जांच करेगी.
पूरे कानपुर (ग्रामीण अंचल समेत) 2237 सुन्नी वक्फ संपत्तियों की पहचान हो चुकी है. इसमें वक्फ मस्जिदों, दरगाहों, कब्रिस्तानों, मकानों आदि का ब्योरा दर्ज है. शहर के कई क्षेत्रों जैसे दलेलपुरवा, नवाबगंज, तलाकमहल आदि में कई ऐसी संपत्तियां हैं जो वक्फ हैं लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार उपलब्ध नहीं हो पाई हैं. इस बात को जांच में शामिल किया गया है कि कहीं वक्फ जमीन बेचकर उसके बदले दूसरे स्थान पर तो जमीन नहीं दी गई है. बेची गई वक्फ संपत्तियों की कुंडली भी खंगाली जाएगी.
मुस्लिम यतीमखाना के पास भी कई वक्फ संपत्तियां हैं. इन संपत्तियों को लेकर कई तरह की शिकायतें वक्फ बोर्ड को भेजी गई थीं. अब वक्फ बोर्ड की एक टीम शनिवार को यहां आएगी. यहां से जुड़ीं सभी वक्फ संपत्तियों की जांच करेगी. यहां भी संपत्तियां बेचे जाने के आरोप लगे हैं. इसकी शिकायत यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से की गई थी.
विगत एक वर्ष से वक्फ संपत्तियों की मैपिंग का कार्य चल रहा है. अपेक्षित गति से यह कार्य न हो पाने के कारण अभी शत-प्रतिशत मैपिंग नहीं हो पाई है. सभी वक्फ संपत्तियों के बाहर बोर्ड नहीं लगाया गया है. बोर्ड ने निर्देश दिए थे कि इन पर वक्फ संपत्ति के बारे में पूरा विवरण लिखने के साथ मुतवल्ली का नाम आदि भी लिखना होगा. पर यह काम अभी अधूरा है.