ABC News: लिव इन संबंधों के रजिस्ट्रेशन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से मना कर दिया है. याचिकाकर्ता ने ऐसे संबंधों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बनाने की मांग की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अव्यवहारिक बताते हुए खारिज कर दिया. याचिका में श्रद्धा वालकर और निक्की यादव हत्याकांड का हवाला दिया गया था.
कहा गया था कि गोपनीय तरीके से चल रहे ऐसे संबंध लगातार जघन्य अपराध की वजह बन रहे हैं. लिव इन पार्टनर्स की सुरक्षा के लिए उनके संबंध की जानकारी पुलिस के पास होना ज़रूरी है. सुप्रीम कोर्ट की वकील ममता रानी की याचिका में मांग की गई थी कि लिव इन में रह रहे लोगों की संख्या की जानकारी जुटाई जाए. कोर्ट इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को निर्देश दे. याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि, जानकारी तभी हासिल की जा सकेगी जब लिव इन संबंधों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाएगा.