ABC NEWS: यूपी (UP) में पूरब से पश्चिम तक हाहाकार मचा है. बिजली कर्मियों की हड़ताल (Electricity Workers Strike) की वजह से पीएम मोदी (PM Modi) की काशी से लेकर सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) के गोरखपुर और पश्चिमी यूपी के नोएडा-गाजियाबाद के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. दरअसल उत्तर प्रदेश में बिजली संकट की मार यहां के निवासी झेल रहे हैं. राजधानी लखनऊ से लेकर पूरे पूर्वांचल का हाल-बेहाल है. रविवार को बिजली संकट का तीसरा दिन है.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में निजीकरण और सेवा शर्तों में कटौती के विरोध में बिजली कर्मचारियों का आंदोलन लगाताक तेज हो रहा है. इस बीच मोदी की काशी में भी घंटों बिजली गुल रही तो पानी को तरसे लोगों ने सड़क पर उतरकर हंगामा किया. बिजलीकर्मियों की हड़ताल से परेशानी जारी है. ग्रामीण इलाकों में भी लोग जलसंकट से जूझ रहे हैं, हालात ये हो गए हैं कि यूपी के कई बिजली उपकेंद्र पुलिस चौकियों में तब्दील हो गए हैं.
इन जिलों में हालात बदतर
योगी सरकार से बिजलीविभाग के कर्मचारियों की वार्ता विफल होने से बिजलीकर्मियों की हड़ताल जारी है. ये लोग FIR और निलंबन के बावजूद समझौते को राजी नहीं हैं. लखनऊ में लोग दिनभर परेशान रहे. कई जगह फॉल्ट की समस्या दूर नहीं हुई और लोग उपकेंद्रों के चक्कर लगाते रहे. गाजियाबाद के वसुंधरा, वैशाली और इंदिरापुरम में भी कई घंटों की बिजली कटौती हुई. नोएडा के कई इलाकों में बिजली लगातार आती-जाती रही. कई शहरों में सुबह पानी नहीं आया क्योंकि लाइट नहीं रहने की वजह से पानी टंकी में चढ़ नहीं पाया.
प्रयागराज में आधा शहर अंधेरे में डूबा रहा. वाराणसी में भी जनता अंधेरे में डूबी रही. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में पीने का पानी तिगुने दाम में मिला.कई कॉलोनियों में चंदा जुटाकर जेनरेटर मंगवाया और सबमर्सिबल से पानी की टंकियां भरी गईं. सीतापुर में 42 उपकेंद्र बंद रहने से लाखों की जनता अंधेरे में रही. बलिया से लेकर बहराइच और सीतापुर के सैकड़ों गांव और शहरी इलाके बिजली संकट का शिकार रहे.कई गांवों में आज तीसरे दिन भी बिजली नहीं आई है.