ABC News: सरकार एलपीजी गैस सिलेंडर यूज करने वाले ग्राहकों की सुविधा के लिए कड़ा कदम उठाने जा रही है. अक्सर ग्राहकों की यह शिकायत रहती है कि उसके घरेलू गैस सिलेंडर में गैसों की मात्रा 1 से 2 किलो कम निकली है. ऐसे में कई बार इसकी शिकायत करने के बाद भी ग्राहक उसकी ट्रेसिंग नहीं कर पाते हैं. इस कारण गैस की चोरी करने वालों के खिलाफ कड़ा कार्रवाई नहीं हो पाती है, लेकिन अब सरकार ने ऐसे लोगों को पकड़े के लिए एक कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. सरकार अब एलपीजी सिलेंडर को क्यूआर कोड से लैस करने जा रही है. इससे ग्राहकों को कई तरह की सुविधाएं
Fueling Traceability!
A remarkable innovation – this QR Code will be pasted on existing cylinders & welded on new ones – when activated it has the potential to resolve several existing issues of pilferage, tracking & tracing & better inventory management of gas cylinders. pic.twitter.com/7y4Ymsk39K— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) November 16, 2022
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया है कि अब एलपीजी गैस सिलेंडर से गैस की चोरी को रोकने के लिए सरकार सिलेंडर को क्यूआर कोड (QR Code) से लैस करने जा रही है. यह कुछ-कुछ आधार कार्ड जैसा होगा. इस क्यूआर कोड के जरिए गैस सिलेंडर में मौजूद गैस की ट्रैकिंग करना बहुत आसान हो जाएगा. इसके साथ ही अगर अब कोई गैस सिलेंडर में गैस की चोरी करता है तो उसे ट्रैक करना भी बहुत आसान हो जाएगा. हरदीप सिंह पुरी ने World LPG Week 2022 के खास अवसर पर यह जानकारी देते हुए बताया कि जल्द ही सभी एलपीजी सिलेंडर पर क्यूआर कोड लगा दिया जाएगा. सरकार ने प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है. 3 महीने के अंदर इस काम को पूरा करने का टारगेट रखा गया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि नए गैस सिलेंडर में क्यूआर कोड डाला जाएगा. वहीं गैस सिलेंडर में क्यूआर कोड के मेटल स्टीकर को गैस सिलेंडर पर चिपकाया जाएगा.
जानें क्यूआर कोड के फायदे-
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गैस सिलेंडर में क्यूआर कोड की मौजूदगी से इसकी ट्रैकिंग बहुत आसान हो जाएगी. पहले गैस कम मिलने की शिकायत करने पर इसकी ट्रैकिंग आसानी से नहीं हो पाती थी, लेकिन अब क्यूआर कोड लग जाने के बाद इसे ट्रैक करना आसान होगा. पहले यह नहीं पता चल पाता था कि किस डीलर ने गैस सिलेंडर को कहां से निकाला और किस डिलीवरी मैन ने उसकी डिलीवरी ग्राहक के घर पर की थी. मगर क्यूआर कोड लगने के बाद सभी चीजों की ट्रैकिंग बहुत आसान हो जाएगी. इससे चोर आसानी से पकड़ा जा पाएगा और इससे लोगों के मन ने हर पैदा होगा. इससे वह गैस की चोरी करने से बचेंगे. चोरी पकड़ने के साथ ही इस क्यूआर कोड के और भी कई तरह के फायदे हैं. इससे ग्राहकों को यह पता चलेगा कि गैस की कितनी बार अब तक रिफिलिंग की जा चुकी है. इसके साथ ही रिफिलिंग सेंटर से गैस को घर आने में कितना वक्त लगा है. इसके साथ ही अब घरेलू गैस सिलेंडर को कोई भी व्यक्ति कमर्शियल काम के लिए यूज नहीं कर पाएंगे क्योंकि इस क्यूआर कोड से यह भी पता चल जाएगा कि गैस सिलेंडर की डिलीवरी किस डीलर द्वारा की गई है.