ABC News: सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी की जमानत अर्जी पर शनिवार को डिस्ट्रिक्ट जज कोर्ट में सुनवाई हुई. दोनों पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने 9 दिसंबर को सुनवाई के लिए अगली तारीख दी है. शुक्रवार को सपा विधायक इरफान सोलंकी ने कमिश्नर ऑफिस में सरेंडर किया था.
इसके बाद ही उनके वकील ने विधायक और उनके भाई की जमानत अर्जी लोअर कोर्ट से खारिज हो गई थी. शनिवार को सेशन कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने 9 दिसंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की है. विधायक के अधिवक्ता ने बताया कि सोमवार से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है. सत्र में शामिल होने के लिए भी कोर्ट से परमिशन मांगी गई है. इरफान के अधिवक्ता नरेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट में पुलिस कोई मजबूत साक्ष्य नहीं रख सकी है. उम्मीद है कि सेशन कोर्ट से ही जमानत मिल जाए. जमानत को लेकर मजबूती से सभी साक्ष्य कोर्ट के सामने रखे जाएंगे. डीजे कोर्ट में दर्जी दाखिल की जाएगी, इसके बाद अर्जी एमपीएमएलए कोर्ट में भेजी जाएगी, जहां जमानत पर सुनवाई होगी. वहीं, बीते दिन विधायक इरफान सोलंकी से हुई पूछताछ की जानकारियां कुछ सामने आयी हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, इरफान ने बताया, यूपी से फरारी के बाद दिल्ली, मुंबई और फिर हैदराबाद में रुके. ट्रक से हैदराबाद पहुंचा था. मैंने 7 सिमकार्ड बदले, चार मोबाइल का बदल-बदल कर इस्तेमाल किया. हमेशा वॉट्सऐप कॉलिंग करता था जिससे पुलिस मुझे ट्रेस न कर सके. ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि कानपुर से लखनऊ पहुंचने के बाद विधायक नोएडा और फिर दिल्ली पहुंचे. दिल्ली से फ्लाइट से मुंबई अपने साले के पास शरण ली, लेकिन पुलिस के आने की भनक लगते ही वह हैदराबाद भाग निकले. यहां कुछ दिन फरारी काटने के बाद पुलिस से बचने के लिए विधायक ट्रक में बैठकर नागपुर पहुंचे.
फिर उज्जैन होते हुए राजस्थान में अपने पुरखों के शहर नागौर पहुंचे थे. पुलिस सर्विलांस की मदद से तलाश करती रही, लेकिन विधायक को पकड़ नहीं सकी. विधायक ने बताया कि उन्होंने फरारी के दौरान चार मोबाइल फोन और 7 सिमकार्ड बदले थे. इसके साथ ही लगातार वह अपने नजदीकियों के संपर्क में व्हाट्सएप कॉलिंग पर थे. इसके चलते पुलिस ट्रैस नहीं कर पा रही थी. एक के बाद एक ठिकाने बदलते रहे और पुलिस छू भी नहीं सकी.