ABC News: समाजवादी पार्टी ने विधानमंडल सत्र से पहले बुधवार से 18 सितंबर तक प्रतिदिन प्रदेश सरकार के खिलाफ विधान भवन में प्रदर्शन का निर्णय लिया है. प्रदर्शन से पहले ही सपा विधायकों को नजरबंद कर दिया गया. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के घर को भी पुलिस ने घेर रखा है. सुबह से ही सपा विधायकों के घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई. समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
भाजपा सरकार को क्या लगता है कि सपा कार्यालय पर फ़ोर्स तैनात कर समाजवादियों को डरा लेगी?
समाजवादी पार्टी का एक एक नेता व कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आमजन के साथ खड़ा है, हम सत्ता के दबाव के आगे झुकेंगे नहीं।
जय समाजवाद! pic.twitter.com/Ad4P8FYEp3
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 14, 2022
मानसून सत्र से पहले समाजवादी पार्टी ने महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, किसानों आदि की समस्याओं को लेकर सपा विधायकों को चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन करना था. प्रदर्शन से पहले ही सपा विधायकों के घर के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया गया है. सपा का आरोप है कि विधायकों को घर से निकलने नहीं दिया जा रहा है। पार्टी ने इसकी घोर निंदा की है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद ट्वीट कर सरकार पर तमाम आरोप लगा रहे हैं. समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला.
कहा कि योगी जी आप पुलिस और सत्ता के बल तथा तानाशाही करके जनहित के मुद्दे पर धरना प्रदर्शन करने वाले विपक्षी विधायकों ,कवरेज करने वाले मीडिया बंधुओं को तो रोक सकते हैं लेकिन कल को जब जनता का हुजूम सड़कों पर उतरेगा तो आप क्या करेंगे. विपक्ष जनता की आवाज है ,जनता की आवाज मत दबाइए. समाजवादी पार्टी की ओर से किए गए दूसरे ट्वीट में कहा गया कि, ‘जब निरंकुश और तानाशाह सत्ता बेकाबू होती है तो जनता की बगावत अंगड़ाई लेती है. जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों पर आपातकाल की एक घटना दशकों पहले हुई थी जिसने तत्कालीन सत्ता को उखाड़ फेंका था. इतिहास वापिस और दोहराव के मुहाने पर आ गया है. हल्ला बोल ,हल्ला बोल.