ABC NEWS: कानपुर में उमस के बीच सोमवार दोपहर अचानक मौसम ने करवट ली. अचानक आसमान में बादल छा गए. लेकिन इस बीच सड़क पर चल रहे लोग असमंजस में रहे. कानपुर साउथ में बादल तो छाए लेकिन देर से बरसे, वहीं उत्तर जिले में झमाझम बारिश देखने को मिली. गोविंद नगर की ओर से आ रहे लोग जब फजलगंज पहुंचे तो यहां पानी देख अचंभित हो गए. सड़क पर चल रहे आधे लोग भीगे थे तो आधे सूखे. हालांकि, पानी की बौछार के बीच मौसम सुहावना हो गया और लोगों को उमस से छुटकारा मिला.
दक्षिण पूर्वी उत्तर प्रदेश के पास बने चक्रवाती हवा के क्षेत्र और उत्तर पश्चिम से आ रही शुष्क हवा ने कानपुर मंडल में वर्षा की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है. बीते दिवस रविवार को पारा भी बढ़कर 34.6 डिग्री और न्यूनतम 26.6 डिग्री सेल्सियस रहा. दिन भर आसमान में बादल छाए रहे, लेकिन वर्षा न होने से तेज उमस भरी गर्मी ने परेशान किया. मौसम विभाग ने सोमवार से हल्की वर्षा की उम्मीद जताई थी. दोपहर तक तो मौसम उमस से भरा रहा लेकिन तीन बजे के बाद मौसम ने करवट ली और आसमान में छाए बादल बरस पड़े.
गाेविंद नगर सूखा तो मरियमपुर गीला
दाेपहर में अचानक बादलों ने आसमान में डेरा डाल दिया और ठंडी हवाएं चलने लगी। जब किदवई नगर, गोविंद नगर समेत साउथ के कई इलाके सूखे थे तो वहीं फजलगंज से मरियमपुर, सर्वोदय नगर, मोतीझील, सिविल लाइन्स, रावतपुर में पानी गिर रहा था. चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि उत्तर पश्चिम से आ रही शुष्क हवा के कारण वर्षा की गतिविधियों में कमी आई है. इसी के साथ एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश और इससे सटे दक्षिण-पश्चिम बिहार पर बना हुआ है.
पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्र में एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में है. बंगाल की दक्षिण खाड़ी के मध्य भाग में भी चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. डा. पांडेय ने बताया कि जब उत्तर पश्चिम शुष्क हवा आती है तो वर्षा की गतिविधि में कमी आती है. मानसून की अक्षीय रेखा भी इस समय हिमालय की तलहटी में बनी हुई है. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन तक आसमान में बादल छाए रहने और कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी व हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना जताई है.