कानपुर में वृद्धा पेंशन में घोटाले का भंडाफोड़, कार मालिक से लेकर सरकारी कर्मी को बताया पात्र

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ABC NEWS: कानपुर में वृद्धा पेंशन योजना में घोटाले का भंडाफोड़ हो गया है. शादी अनुदान और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के बाद अब वृद्धा पेंशन में अपात्र मिले हैं. इन आवेदकों का सत्यापन शहरी क्षेत्र में एसडीएम और ग्रामीण इलाकों में बीडीओ को करना था, लेकिन उन लोगों ने बगैर सत्यापन इन्हें पात्र मान लिया. डीएम विशाख जी के आदेश पर जिला स्तरीय अधिकारियों ने दोबारा सत्यापन किया तो पोल खुल गई जो अपात्र मिले उनमें कार मालिक से लेकर सरकारी कर्मी तक शामिल हैं. एसडीएम और बीडीओ ने वृद्धा पेंशन के 5779 आवेदनों को जांच के बाद पात्र मानते हुए समाज कल्याण विभाग भेजा था. दोबारा सत्यापन में कुल आवेदनों में 11 फीसदी से ज्यादा यानी 67 अपात्र निकले हैं.

ये निकले अपात्र
नसिरापुर निवासी 68 वर्षीय श्रीकांत शुक्ला ने पेंशन के लिए आवेदन किया है. बिल्हौर के एडीओ सहकारिता ने इनके घर जाकर सत्यापन किया तो पता चला कि इनके पास चार पहिया वाहन है. वहीं सी ब्लॉक गोविन्द नगर निवासी गंगाराम को पहले से दो पेंशन मिल रही हैं. बावजूद इसके उन्हें पात्र मान लिया गया था।डुडवा जमौली निवासी विनोदनी आर्थिक संपन्न हैं,उनके पास चार बीघा जमीन है। वह भी अपात्र हैं.

सात साल पुराने आय प्रमाण पत्र
कर्नलगंज निवासी 71 वर्षीय जैतून निशा ने आवेदन पत्र में 2015 में बना आय प्रमाण पत्र लगा दिया है. इसके बाद भी जिम्मेदारों ने उन्हें पात्र मान लिया था. वहीं, आवेदन में मैकू हसन ने तलाक महल और विजय लक्ष्मी ने भीतरगांव का जो पता भरा था. दोनों लोग उन इलाकों में रहते ही नहीं हैं. जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. प्रज्ञा पांडेय ने बताया कि अपात्रों के नाम सत्यापन के बाद हटा दिए गए हैं.

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