ABC News: महर्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव को लेकर ऐतिहासिक नानाराव पार्क में संघ प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे. यहां पर संघ प्रमुख ने कहा कि मैं वाल्मीकि समाज के कार्यक्रम में पहली बार नहीं आया हूं. पहले भी महाराष्ट्र में शामिल हो चुका हूं. हिंदू समाज को वाल्मीकि समाज पर गर्व करना चाहिए. क्योंकि, भगवान राम को हिंदू समाज से परिचित कराने वाले भगवान वाल्मीकि ही थे. वह अगर रामायण नहीं लिखते तो आज हिंदू समाज को भगवान राम नहीं मिलते. इतना ही नहीं भगवती सीता को बेटी की तरह वाल्मीकि ने रखा था.”
उन्होंने कहा, “वाल्मीकि को रामायण के लिए नारद ने प्रेरित किया था. भगवान वाल्मीकि के चलते देश मे भगवान राम की पूजा होती है. सनातन धर्म में करुणा एक महत्वपूर्ण विषय है. कोई भी धर्म बिना करुणा के पूरा नहीं हो सकता है. वाल्मीकि जयंती हमारे लिए राष्ट्रीय उत्सव है।भागवत ने कहा कि कानून व्यवस्था के हिसाब से हमें काम करना चाहिए. RSS की जितनी ताकत है, उस ताकत के साथ वाल्मीकि समाज के साथ खड़ा है. हमारे लोग आपके पास स्वयं आएंगे. आपको आने की जरूरत नहीं. उन्हें पता है कि पूरा हिंदू समाज हमारा है। ये समाज अपना है, भारतवर्ष अपना है, जो सदैव रहेगा. संघ प्रमुख ने कहा कि हमें नशा और खराब आदतों को छोड़ना होगा. बराबरी के साथ का लक्ष्य लेकर सबको आगे बढ़ना होगा. संघ के स्वयं सेवक सब जानते हैं, आपके समाज के लोग शाखा में जाएं और कार्यप्रणाली समझें. 25 साल बाद ऐसी स्थिति आएगी कि सब आपको सम्मान देंगे. इससे पहले भागवत को वाल्मीकि रामायण और ऋषि बल्मीक की तस्वीर देकर सम्मानित किया. मोहन भागवत के साथ मंच पर दो दलितों को स्थान दिया गया है. इससे पहले 1500 बाल स्वंयसेवकों ने पथ संचलन किया. स्वंयसेवक दीनदयाल उपाध्याय स्कूल से दो अलग-अलग रूट से होते हुए कंपनी बाग चौराहे पर पहुंचे. इस दौरान ड्रम और बांसुरी समेत 17 वाद्य यंत्रों को बजाया गया. इस दौरान मोहन भागवत ने पथ संचलन देखा. उनके सामने से पथ संचलन गुजरते हुए वापस दीनदयाल स्कूल पहुंचा.