ABC News: यूक्रेन से जारी जंग के बीच बुधवार को रूस ने एटमी ड्रिल शुरू की. इस दौरान बैलेस्टिक मिसाइल भी लॉन्च की गई. इसका फुटेज सरकारी टीवी ने जारी किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूरी कवायद को प्रेसिडेंट व्लादिमिर पुतिन ने एक कंट्रोल रूम से देखा. तकनीकी तौर पर इस ड्रिल को स्ट्रैटेजिक डिटरेंस फोर्स कहा जाता है.
आसान भाषा में समझें तो यह जवाबी हमले की तैयारी है. रूस सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया- प्रेसिडेंट पुतिन की लीडरशिप में बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइल लॉन्चिंग हुई. रूस के पूर्वी हिस्से में मौजूद कामचात्का में यह मिसाइल टेस्ट किए गए. यह आर्कटिक सागर का क्षेत्र है. एक्सरसाइज के दौरान रूस के नए और हाईटेक Tu-95 एयरक्राफ्ट भी इस्तेमाल किए गए. क्रेमलिन का दावा है कि लॉन्च की गईं सभी मिसाइलों ने टारगेट हिट किए. रूस के पास इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल मौजूद हैं. ये दुनिया के किसी भी हिस्से तक पहुंच सकती हैं. इसके अलावा उनके पास ऐसे तमाम फाइटर जेट्स और सबमरीन मौजूद हैं जो एटमी हमले कर सकते हैं. एक तरफ, अमेरिका दावा कर रहा है कि रूस की फौज यूक्रेन पर एटमी हमला कर सकती है.
दूसरी तरफ, रूस का कहना है कि अमेरिका और नाटो उस पर न्यूक्लियर अटैक की तैयारी कर रहे हैं. ‘निक्केई एशिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को एटमी ड्रिल की जानकारी रूस ने अमेरिका को दे दी थी. इसमें कहा गया था कि बैलेस्टिक मिसाइल भी लॉन्च किए जाएंगे. पेंटागन ने भी इसकी पुष्टि की. उसके प्रवक्ता पैट्रिक रायडर ने कहा- हां, रूस ने हमें जानकारी दी थी. यह एक रूटीन एक्सरसाइज है. इसके मायने ये हैं कि रूस आर्म्स कंट्रोल से जुड़ी शर्तें और ट्रांसपेरेंसी के वादे पूरे कर रहा है. इन बीच रूस ने एक दिन में यूक्रेन के 40 से अधिक गांवों को निशाना बनाया है. यूक्रेन के अधिकारियों ने बुधवार को यह दावा करते हुए कहा कि इन हमलों में दो लोगों की मौत हो गई और हवाई हमले के भय से लोग रात बंकरों में बिता रहे हैं. रूस ने जिस ‘डर्टी बम’ का जिक्र किया है वह एक ऐसा उपकरण है जो रेडियोधर्मी पदार्थों को बिखेरने में विस्फोटकों का इस्तेमाल करता है. यह बम परमाणु विस्फोट जितना विनाशकारी प्रभाव वाला नहीं होता, लेकिन यह रेडियोधर्मी संदूषण से एक बड़े क्षेत्र को प्रदूषित कर सकता है.