ABC NEWS: ब्रिटेन में पीएम की रेस में ऋषि सुनक (Rishi sunak) हार गए हैं. यूके की विदेश मंत्री लिस ट्रस वहां की नई प्रधानमंत्री चुन ली गई हैं. वह बोरिस जॉनसन की जगह लेंगी. लिस ट्रस को आज शाम ब्रिटेन की सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) का नेता चुन लिया गया है.
जानकारी के मुताबिक, लिस ट्रस को टोरी लीडरशिप के इस चुनाव में कुल 81,326 वोट मिले. वहीं ऋषि सुनक को 60,399 वोट मिले. मतलब सुनक इस चुनाव को 20,927 वोटों से हार गए. लिस ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले मार्गरेट थैचर (Margaret Thatcher) और थेरेसा मे (Theresa May) इस पद पर रह चुकी हैं.
बता दें कि बोरिस जॉनसन को 7 जुलाई को ब्रिटेन के पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. दरअसल, जॉनसन का नाम कई विवादों से जुड़ गया था. इसके बाद जॉनसन के खिलाफ कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफों की छड़ी लग गई. फिर उनको इस्तीफा देना पड़ा. फिर बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी की रेस में पूर्व चांसलर ऋषि सुनक और विदेश मंत्री लिस ट्रस फाइनल तक पहुंचे. अब 42 साल के सुनक को अब पीएम की रेस में 47 साल की लिस ट्रस ने हरा दिया है.
पीएम के इस चुनाव में Conservative Party के करीब 1 लाख 60 हजार से ज्यादा सदस्यों ने वोट किया था. चुनाव से पहले आ रहे सर्वे में भी बताया जा रहा था कि ऋषि सुनक इस रेस में पिछड़ गए हैं.
ब्रिटिन इंडियन नागरिक ऋषि सुनक ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि वह जीते तो बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाएंगे. वहीं लिस ट्रस ने टैक्स में कटौती का वादा किया था.
ऋषि सुनक पर थीं भारत की निगाहें
भले चुनाव ब्रिटेन में था, लेकिन इसकी चर्चा भारत में भी जमकर हो रही थी. इसकी वजह थी ऋषि सुनक का भारतीय कनेक्शन. ब्रिटिन इंडियन नागरिक सुनक की जीत की कामना भारतीय लोग कर रहे थे. सुनक भारत की जानी-पहचानी शख्सियत नारायण मूर्ति (Infosys के फाउंडर) के दामाद हैं.
सुनक के खिलाफ बन गया था माहौल
कंजर्वेटिव पार्टी के नए नेता को चुनने की प्रक्रिया अगस्त में शुरू हुई थी. इसमें कुल 1.66 लाख पार्टी सदस्यों ने हिस्सा लिया.
ब्रिटेन में जब पीएम के रूप में बोरिस जॉनसन के विकल्प की बात हुई तो सुनक का नाम तेजी से ऊपर चढ़ता दिखा. उनके ‘रेडी फॉर सुनक’ कैंपेन को काफी अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा था. लेकिन बाद में यह चर्चा होने लगी कि सुनक ने ही बोरिस जॉनसन का तख्तापलट किया है. ऐसे में उनको पीएम पद का ताज नहीं मिल सकता. इसके अलावा साजिद जाविद, नादिम जहावी और मार्डंट जैसे सांसदों ने अपना पाला भी बदल लिया था.