चीन में गिरा था मोरबी ब्रिज की तरह रेनबो पुल, दोषी अधिकारी को हुई थी सजा-ए-मौत

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ABC NEWS: गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे (Morbi Bridge Collapse) में अब तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है. मोरबी ब्रिज हादसे के बाद इस मैन मेड हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन गुस्से में उबल रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस मामले में अब तक 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

भारत में ऐसे मामलों में सख्त सजा के उदाहरण बहुत कम देखने को मिलते हैं. जांच के नाम पर कमेटियां बनती हैं. लेकिन कम्युनिस्ट चाइना में एक ऐसे ही मामले में एक शख्स को मौत की सजा दी गई थी. ये मामला लगभग 23 साल पुराना है. चीन के एक शहर में एक पुल गिरने से 40 लोगों की मौत हो गई थी. चीन ने जब इस मामले की जांच की तो अपने कानून के अनुसार एक शख्स को दोषी पाया और वहां की अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी.

भारत में इस मामले में एक्शन की बात करें तो अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से ज्यादातर वैसे लोग हैं जो इस ब्रिज की मरम्मत से जुड़े हैं. इनमें ओरेवा ग्रुप के दो मैनेजर, और पुल की कथित रूप से मरम्मत करने वाले दो ठेकेदार शामिल हैं. इन्हें अदालत ने शनिवार तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. जबकि पांच अन्य लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

चीन का रेनबो ब्रिज हादसा

बता दें कि 4 जनवरी 1999 को चीन के Qijiang County में एक ब्रिज ढह गया था. रेनबो ब्रिज नाम का 180 मीटर लंबा ये पुल 3 साल पहले ही बनाया गया था. इस पुल हादसे में 40 लोगों की मौत हो गई थी. चीनी एजेंसियों ने इस ब्रिज हादसे की जांच की तो इसके निर्माण में कई खामियां सामने आईं.

चीनी एजेंसियों ने पाया कि पुल के निर्माण में घटिया क्वालिटी का स्टील लगाया गया था. साथ ही दूसरी सामग्री में खराब गुणवत्ता के थे. स्टील की क्वालिटी खराब थी और निर्माण के दौरान इंजीनियरिंग से जुड़े फैसले लेने में लापरवाही बरती गई थी.

कोर्ट कार्यवाही का राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारण हुआ

चीन ने मिसाल पेश करने के लिए इस केस की कोर्ट कार्यवाही का राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारण करवाया. इस मामले में कम्युनिस्ट पार्टी के एक अधिकारी को मौत की सजा सुनाई गई जबकि दूसरे दोषियों को 3 से 13 की कैद की सजा सुनाई गई. सजा पाने वालों में कॉन्टैक्टर, इंजीनियर, मैटैरियल सप्लायर और कई सरकारी अधिकारी शामिले थे जिन्हें 3 से 13 साल तक की सजा हुई.

अदालत ने 37 साल के लिन शियुआन को मौत की सजा सुनाते हुए उसे रिश्वत लेने का दोषी पाया और अपने काम में लापरवाही का दोषी करार दिया. ये सुनवाई चॉन्गकिंग की पीपुल्स कोर्ट में हुई.

बचपन के दोस्त को दिया था पुल बनाने का ठेका

चीन की सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार लिन ने इस मामले में 12 हजार डॉलर की रिश्वत लेकर पुल बनाने का ठेका अपने बचपन के दोस्त को दे दिया था.

ये हादसा उस समय हुआ जब चीन बड़े पैमाने पर पुलों का निर्माण कर रहा था. इस ब्रिज हादसे की वजह से चीन की दुनिया भर मे आलोचना हुई और उस पर घटिया निर्माण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया.

इसके बाद चीन के निर्माण मंत्रालय ने अपने प्रोजेक्ट में सुरक्षा को अहम प्राथमिकता देने का वादा किया.

चोंगकिंग अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की किजियांग काउंटी समिति के पूर्व उप सचिव लिन शियुआन को इस हादसे में उसकी भागीदारी के लिए मौत की सजा दी जाती है.

13 साल तक की कैद, हजारों डॉलर का जुर्माना

इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत कंस्ट्रक्शन डिजाइन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डुयान हाओ को 10 साल की कैद और 24 हजार डॉलर जुर्माने की सजा सुनाई गई. इसके अलावा पुल का निर्माण करने का जिम्मा संभालने वाले Fei Shengli और Li Mengze को 10-10 साल की कैद की सजा हुई, इन पर 60 हजार डॉलर का जुर्माना हुआ. इन पर पुल नर्माण में सुरक्षा पहलु को गंभीर रूप से नजरअंदाज करने का दोष साबित हुआ.

लियू ज़ेजुन, जिस पर उस आरोप और घटिया निर्माण सामग्री का निर्माण करने का आरोप लगाया गया था, को 13 साल की जेल और 36,000 डॉलर का जुर्माना लगाया गया था. इस शख्स ने पुल के लिए पाइप स्टील की सप्लाई की थी.

इसी दौरान चीन में तीन विशाल डैम बनाए जा रहे थे. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जू रोंगजी ने बिल्डरों को चेतावनी देते हुए कहा था कि इस निर्माण में कोई भी कोताही उनकी जिंदगी में तबाही लाने वाला होगा.

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