ABC News: विदाई की वेला में काफी बिलंब करने वाले मानसून ने इस बार दशहरा पर्व को भी प्रभावित किया है. लखनऊ सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में बुधवार की सुबह से हो रही वर्षा ने जगह-जगह पर सजे रावण के पुतलों के दहन के लिए मैदानों को पानी से सराबोर कर दिया है. इतना हीं नहीं वर्षा के कारण दुर्गा पूजा के पंडालों में भी पानी एकत्र हो रहा है और आज प्रतिमाओं के विसर्जन में भी काफी परेशानी हो सकती है.
इसको हथिया नक्षत्र के उत्तरार्द्ध का असर कहें या देवी के गज पर आगमन-प्रस्थान का फल. वर्षा ने सभी जगह पर अपना रंग दिखा दिया है. बंगाल की खाड़ी में बने निम्न वायुदाब के क्षेत्र के प्रभाव से बादल उत्तर प्रदेश में आकर ठहर गए हैं. माना जा रहा है कि वर्षा का यह क्रम बीतते ही शरद ऋतु का आगमन होने लगेगा. लखनऊ सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों को तड़के ही बादलों ने अपनी आगोश में ले लिया है. जिलों में आज दुर्गा पूजा के समापन और रावण दहन के कार्यक्रमों पर असर पड़ रहा है. सभी जगह पर रावण के पुतले वर्षा के कारण गिरने लगे हैं. मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी लखनऊ के साथ साथ प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बुधवार को मध्यम बारिश के आसार हैं. जबकि कुछ जिलों में भारी बारिश के लिए चेतावनी भी जारी की गई है. कानपुर में मौसम देर रात से बदला है. मंगलवार से आसमान में बादलों की घटा छा गई और देर रात से वर्षा का सिलसिला फिर शुरू हो गया. सीएसए विश्वविद्यालय के मौसम विभाग में बुधवार सुबह आठ बजे तक 5.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई. आंचलिक मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि आठ अक्टूबर तक प्रदेश भर में मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी. प्रदेश के नेपाल से सटे जिलों समेत पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में गरज चमक के साथ भारी वर्षा की चेतावनी भी जारी की गई है. मानसून की ट्रफ लाइन बंगाल की खाड़ी से पश्चिमोत्तर उत्तर प्रदेश की ओर आ रही है. इसके कारण एक सप्ताह तक बादलों की आवाजाही और वर्षा जारी रहेगी.