ABC NEWS: कानपुर सेंट्रल पर रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने बचपन बाओ आंदोलन परियोजना के समन्व्य देशराज सिंह की सूचना पर महानंदा (15483) एक्सप्रेस में छापा मारा. आरपीएफ दरोगा अमित द्विवेदी के नेतृत्व में मारे गए छापे में 12 नाबालिग और इनको लिए जा रहे सात आरोपियों को पकड़ लिया. पूछताछ में पता चला कि ये बच्चों को बिहार, झारखंड से बाल श्रम कराने की खातिर ट्रेन से लिए जा रहे थे.
टीम ने सभी बच्चों और आरोपियों को पकड़ उतार लिए. बेंच ने सभी नाबालिगों को बाल संरक्षण गृह बालक कल्याणपुर भेज दिया गया. आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जीाआरपी को सौंप दिया. सोमवार को महानंदा एक्सप्रेस दोपहर लगभग एक बजे सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर आई. पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि वे लोग बच्चों को फैक्टरियों, घरों में काम कराने के लिए दिल्ली लिए जा रहे थे. आरोपियों ने बताया कि घरों और कारखानों में मिलने वाली पगार के एवज में 10 फीसदी हर महीने पैसा तो मिलता ही है, साथ ही बच्चों को सौंपने के समय 15 से 20 हजार रुपये प्रति किशोर के हिसाब से मिल जाते हैं. दस फीसदी मासिक मिलने वाली राशि काट करके बाल श्रमिकों को दी जाती है.