कर्ज बोझ तले दबे बिग बाजार को खरीदने की मची होड़, अंबानी-अडानी भी रेस में!

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ABC NEWS: कर्ज तले दबी बिग बाजार (Big Bazar) वाली फ्यूचर रिटेल कंपनी बिकने को लंबे समय से तैयार है. बीते साल रिलायंस के साथ इसका सौदा खटाई में पड़ गया था, लेकिन एक बार फिर इसे खरीदने के लिए होड़ लग गई है. इस बार मुकेश अंबानी के अलावा गौतम अडानी ने भी इसके लिए बोली लगाने की तैयारी कर ली है. यानी आने वाले दिनों में Future Retail को लेकर अडानी-अंबानी एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे. किशोर बियानी के नेतृत्व वाली इस कंपनी को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने के लिए Adani-Ambani के अलावा 47 अन्य खरीदार भी रेस में शामिल हैं. इस खबर का असर इसके शेयरों पर भी देखने को मिल रहा है और ये 4.17 फीसदी चढ़कर 2.50 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं.

इन बड़ी कंपनियों की दिलचस्पी

रिपोर्ट के मुताबिक, कारोबारी जगत में जल्द एक बड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. इसके तहत फिलहाल, एशिया के सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी और एशिया के पूर्व सबसे अमीर गौतम अडानी में मुकाबला होगा. किशोर बियानी की बिग बाजार वाली फर्म फ्यूचर रिटेल के लिए एक बार फिर एक्सप्रेशंस ऑफ इंट्रस्ट (EOI) सामने आए हैं. इस बार 49 खरीदारों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है. खास बात ये है कि इनमें रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) और Adani की कंपनी भी शामिल है. इसके अलावा डब्ल्यूएच स्मिथ (WH Smith), जिंदल पावर्स लिमिटेड (Jindal Power Limited) और गॉर्डन ब्रदर्स (Garden Brothers) का इंटरनेशनल कंसोर्टियम JC Flowers शामिल हैं.

Future Retail को खरीदने में दिलचस्पी दिखाने वाली कंपनियों का ईओआई का नया सेट 7 अप्रैल को मिला है. इससे पहले बीते साल नवंबर में प्रस्तावित खरीदारों (Prospective Buyers) द्वारा जो एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) पेश किया गय था, उसके मुताबिक इसे खरीदने की रेस में रिलायंस रिटेल और अडानी  समेत 11 कंपनियां शामिल थीं. इनमें कैप्री ग्लोबल होल्डिंग्स (Capri Global Holdings), धरमपाल सत्यपाल (Dharampal Satyapal), नालवा स्टील एंड पावर (Nalwa Steel and Power), शालीमार कॉर्प, यूनाइटेड बायोटेक और डब्ल्यूएच स्मिथ शामिल थे. इनमें से कई इस बार की सेट में भी हैं.

फ्यूचर रिटेल पर इतना कर्ज

फ्यूचर ग्रुप कभी देश का दूसरा सबसे बड़ा रिटेलर फर्म था. बिग बाजार (Big Bazar) वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल (Future Retail) पर अलग अलग क्रेडिटर्स के 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी है. कोरोना काल में स्थिति और खराब हो गई थी. अपना कर्ज चुकाने में विफल रही फ्यूचर रिटेल को इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है. ऐसे में इसे खरीदने के लिए सबसे आगे रिलायंस इंडस्ट्रीज आई थी और 24,713 करोड़ रुपये में कंपनी का अधिग्रहण करने का ऑफर किया था, ​लेकिन कई उतार-चढ़ावों के बाद ये सौदा रद्द हो गया था.

मैनेजमेंट में भी उतार-चढ़ाव

कर्ज तले दबी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के मैनेजमेंट लेवल पर भी कई उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. इस साल की शुरुआत में 23 जनवरी को किशोर बियानी ने कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं बीते मार्च महीने की 10 तारीख को अचानक उन्होंने अपने इस्तीफे को वापस ले लिया था. बहरहाल, एक बार फिर इस कंपनी को खरीदने की रेस शुरू हो गई है. अब ये कंपनी अडानी के पोर्टफोलियो में शामिल होती है, या मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल के कारोबार को गति देती है या फिर किसी अन्य ग्रुप के हाथ में जाती है, देखने वाली बात होगी.

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