ABC News: आजादी के 75 साल पूरे होने पर देशभर में स्वतंत्रता दिवस को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है और इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से लगातार लगातार 9वीं बार ‘तिरंगा’ फहराने के बाद देश को संबोधित किया. आजादी की 76वीं सालगिरह पर लाल किले से दिए भाषण में पीएम मोदी ने सबसे ज्यादा अमृत काल, भारत, 75 साल और दुनिया का सबसे ज्यादा जिक्र किया.
The upcoming Amrit Kaal calls for greater focus on harnessing innovation and leveraging technology. #IndiaAt75 pic.twitter.com/U3gQfLSVUL
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2022
इसके साथ ही उन्होंने हिंदुस्तान की उपलब्धियां, चुनौतियां और लक्ष्यों का बारे में भी बात की. देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण में भी इस झलक साफ नजर आई. प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम संबोधन के दौरान अमृत काल शब्द का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया और उन्होंने अपने 83 मिनट के भाषण में 32 बार ‘अमृत काल’ शब्द का जिक्र किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में ‘अमृत काल’ के अलावा सबसे ज्यादा भारत और दुनिया शब्द का जिक्र किया. पीएम ने 31 बार भारत शब्द 23 बार दुनिया शब्द का इस्तेमाल किया.
When our states grow, India grows.. This is the time for cooperative-competitive federalism.
May we all learn from each other and grow together.
#IndiaAt75 pic.twitter.com/dRSAIJRRan— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2022
पीएम मोदी ने कहा, ‘आजादी के इतने दशकों के बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है. समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर दुनिया खोजने लगी है. विश्व का ये बदलाव, विश्व की सोच में ये परिवर्तन 75 साल की हमारी यात्रा का परिणाम है.’ बता दें कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं और पूरे देश में इसको लेकर जश्न मनाया जा रहा है. पीएम मोदी के भाषण में भी इसकी झलक साफ नजर आई और उन्होंने 24 बार ’75 साल’ शब्द का जिक्र किया.
Today’s India is an aspirational society where there is a collective awakening to take our nation to newer heights. #IndiaAt75 pic.twitter.com/ioIqvkeBra
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2022
इसके साथ ही पीएम मोदी ने 75 साल में देश की उपलब्धियां गिनाई और देश के सामने आई चुनौतियों का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा हम अमृत काल में कदम रख रहे हैं और इस मौके पर ‘पंच प्रण’ का संकल्प लेते हैं. उन्होंने कहा, ‘अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए. दूसरा प्राण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना. तीसरी प्रण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. चौथा प्रण है- एकता और एकजुटता. पांचवां प्रण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है और मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं है.’