ABC News: पांच बच्चों के माता पिता को जब छठवीं संतान की जानकारी मिली तो उन्होंने उसे बेचने का निर्णय ले लिया. रामपुर के एक दलाल के जरिए मुरादाबाद के एक उद्यमी से डील तय हुई. डेढ़ लाख की बात हुई, 27 जनवरी को बेटा होने पर एक लाख रुपये मिल गए. लेकिन 50 हजार रुपये न मिलने पर शनिवार को तहरीर थाने में दी गई. पुलिस ने जांच शुरू की तो पूरा मामला सामने आ गया. अब पुलिस दलाल की तलाश कर रही है, जिससे पता चल सके कि आखिर बच्चा किसे बेचा गया था.
बदायूं के फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र के गांव नहडोली का यह मामला है. नहडोली निवासी नरेश और उसकी पत्नी सीमा को पांच बच्चे पहले से ही है. इस बीच नरेश की पत्नी ने फिर गर्भ धारण कर लिया. पति पत्नी दोनों और एक बच्चे का लालन पालन का बोझ उठाने में सक्षम नहीं थे. इसके चलते उन्होंने फैसला किया कि बच्चे को जन्म देंगे और किसी को दे देंगे. इसकी जानकारी गांव के ही रमेश और वीरपाल को हुई. उन दोनों ने रामपुर के एक दलाल से नरेश और सीमा का संपर्क कराया. दलाल ने डेढ़ लाख रुपये में बच्चा लेने की बात कही. जिसमें 25 हजार रुपये खुद रखने की बात तय की. सब कुछ तय हो गया. 27 जनवरी को फैजगंज बेहटा क्षेत्र के आसफपुर सीएचसी में बेटे ने जन्म लिया. बच्चे के जन्म के कुछ ही देर बाद रामपुर निवासी दलाल ने बेटे को मुरादाबाद के एक उद्यमी को दे दिया. वह बच्चा लेकर चले गए और एक लाख रुपये नकद दे गए. इसके बाद नरेश और सीमा भी घर चले गए. इस बीच नरेश को पता चला कि डेढ़ लाख रुपये पूरा आ गया है, लेकिन उसे पूरे रुपये नहीं मिले. इस पर उसने रामपुर निवासी दलाल से संपर्क किया तो उससे बात नहीं हुई. इस पर गांव के रमेश और वीरपाल से संपर्क किया तो उन्होंने भी साफ कह दिया कि उन्हें इससे कोई मतलब नहीं. इस पर सीमा ने फैजगंज बेहटा थाने पहुंच कर रमेश और वीरपाल के खिलाफ तहरीर दे दी. आरोप लगाया उसके नवजात बेटे का अपहरण हो गया. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. रमेश और वीरपाल से पूछताछ हुई तो उन्होंने पूरे मामले की जानकारी दी. इस पर सीमा से पूछताछ की गई तो उसने सच बता दिया. अब सीमा अपने बच्चे को देखने की जिद पर अड़ गई. इस पर पुलिस रामपुर में दलाल और मुरादाबाद में उद्यमी की तलाश करा रही है. टीमें दोनों जगह गईं है, लेकिन अब तक कुछ पता नहीं चला है. लेकिन अपहरण वाली बात गलत साबित हुई है. जिस पर पुलिस ने राहत की सांस ली. थानेदार सिद्धांत शर्मा ने बताया कि अपहरण की तहरीर दी गई थी. उसमें लगाए गए आरोप गलत हैं. महिला और उसके पति ने खुद ही बच्चा बेचा था. पूरे रुपये न मिलने पर तहरीर दी गई. मामले की जांच कराई जा रही है. टीम रामपुर और मुरादाबाद गईं हैं.