ABC News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को विशेषाधिकार हनन के मामले में लोकसभा सचिवालय की ओर से नोटिस भेजा गया है. लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी से 15 फरवरी तक जवाब देने के लिए कहा है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की शिकायत पर लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार (10 फरवरी) को राहुल गांधी को ईमेल के जरिये यह नोटिस भेजा.
दरअसल, संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान 7 फरवरी को राहुल गांधी ने सदन को संबोधित करते हुए कथित मोदी-अडानी संबंधों पर केंद्र सरकार को घेरा था. उस दौरान इस्तेमाल की गई उनकी भाषा पर बीजेपी सांसदों की ओर से सवाल उठाया गया. राहुल के भाषण के कुछ अंशों को सदन की कार्यवाही से (रिकॉर्ड से) भी हटाया गया. राहुल पर भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगा है. इसी की शिकायत बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा सचिवालय में की. शिकायत के मुताबिक, राहुल गांधी ने सदन में बोलते हुए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, उससे विशेषाधिकार का हनन हुआ है. लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी का पक्ष जानने के लिए उनसे जवाब तलब किया है. सचिवालय ने राहुल गांधी से नोटिस प्राप्त होने पर उसकी सूचना उपलब्ध कराने को भी कहा है.बता दें कि राहुल गांधी के अलावा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर भी सदन में असंसदीय भाषा इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है. इस बात की जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष ने भी मीडिया और जनसभाओं में दी है. खरगे के मुताबिक, उन्होंने कुछ भी गलत नहीं बोला फिर भी उनके शब्द रिकॉर्ड से हटाए गए. शनिवार (11 फरवरी) को झारखंड के साहेबगंज में कांग्रेस के ‘हाथ से हाथ’ जोड़ो अभियान की शुरुआत करते हुए खरगे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यहां तक कहा कि न संसद के भीतर और न ही बाहर बोलने की आजादी है, जो भी सच बोलता, लिखता और दिखाता है, उसे जेल भेज दिया जाता है. कांग्रेस असंसदीय भाषा के मुद्दे पर लगातार बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर हमलावर है और लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर राहुल गांधी के भाषण के अंशों को फिर से रिकॉर्ड में रखने का आग्रह कर चुकी है.