ABC News: पापुलर फ्रंट आफ (पीएफआइ) का प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद वसीम और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) नेता अहमद बेग धर्म नगरी अयोध्या और काशी में उपद्रव की साजिश रच रहे थे. जांच में लगी एनआइए और एटीएस को दोनों के पास से बरामद मोबाइल और लैपटाप में इसके साक्षय मिले हैं. इसके अलावा इनकी मेल आइडी को जब डिकोड किया गया तो उसमें कई और चौंकाने वाले राज सामने आए हैं. जिसके बाद लोकल इंटेलीजेंस की विंग और खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं.
पीएफआइ और एसडीपीआइ से जुड़े संगठनों के लोगों की तलाश और तेजी से शुरू हो गई है, जिसके बाद इससे जुड़े लोग अंडरग्राउंड हो गए हैं. बीते साल अगस्त में अयोध्या राम मंदिर में भूमि पूजन के दौरान एसडीपीआइ प्रमुख एमके फैजी ने कहा था कि वह अयोध्या राम मंदिर का विध्वंस कर वहां पर पुन: मस्जिद बनवाएंगे. इसके साक्ष्य एसटीएफ द्वारा मक्कागंज से गिरफ्तार किए गए अहमद बेग के मोबाइल पर मिले हैं. उसने वाट्सएप ग्रुप पर भी यह बात शेयर की थी. उधर, काशी में ज्ञानवापी मस्जिद में श्रृंगार गौरी के पूजन को लेकर भी अभद्र टिप्पणी की थी. पीएफआइ और एसडीपीआइ से जुड़े लोग दोनों धर्म नगरी में उपद्रव की साजिश रच रहे थे. इनके वाट्सएप ग्रुप में तमाम आपत्तिजनक टिप्पणी और तथ्य खुफिया एजेंसियों के हाथ लगे हैं. खुफिया एजेंसियों के द्वारा की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद पीएफआइ और एसडीपीआइ से जुड़े लोग अंडरग्राउंड हो गए हैं. दिसंबर 2019 में हुए एनआरसी-सीएए को लेकर उपद्रव के दौरान लखनऊ पुलिस ने पीएफआइ से जुड़े 150 लोगों को चिंहित कर सूचीबद्ध किया था. अब इनकी संख्या हजारों में हो गई है. लगातार हो रही कार्रवाई के बाद तमाम लोग गायब हो गए हैं.