ABC News: कानपुर देहात के चाहला गांव में मां-बेटी की जलकर हुई मौत के मामले से जुड़ा एक और वीडियो शनिवार को सामने आया है. यह वीडियो घटना के दिन का है. इस वीडियो को एसआईटी ने अपनी विवेचना में शामिल किया है. हालांकि एबीसी न्यूज इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
इस वीडियो में दिखाई दे रहा कि निलंबित एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद गांव के धार्मिक चबूतरे को तुड़वा रहे हैं, जिसमें शिवलिंग स्थापित है. निलंबित रूरा थानाध्यक्ष दिनेश गौतम उसे तोड़ने से मना करते हैं. इसके बाद में एसडीएम के कहने पर जूते उतारकर चबूतरे में चढ़ कर शिवलिंग के पैर छूकर हाथ जोड़ते हैं. उसे हाथ से हिलाने का प्रयास करते हैं. इसके बाद मना कर देते है. एसडीएम बुलडोजर चालक से शिवलिंग हिलाने के लिए बोलते हैं. बुलडोजर चालक के चबूतरा तोड़ने के दौरान शिवलिंग टूट जाता है. थानेदार उसे तौलिया में लपेट कर अपनी गाड़ी में रख लेते है. गांव वालों की मानें, तो एसडीएम के आदेश पर ही सब कुछ हो रहा था. पुलिस तो केवल प्रशासनिक अफसरों के आदेश का पालन कर रही थी. वीडियो से पता चल रहा है कि कब्जा हटाने के दौरान किसी भी पुलिसकर्मी ने कोई जबरदस्ती नहीं की. इस वीडियो में एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद यह कहते दिखाई दे रहे है कि पहले धार्मिक चबूतरे में बुलडोजर चला दो. यह वीडियो एसआईटी के सामने आया है, जिसे विवेचना में शामिल किया गया है. एसआईटी ने विवेचना के दौरान अब तक सामने आए घटना से जुड़े 11 वीडियो अपनी जांच में शामिल किए है. मड़ौली कांड में पुलिस की कार्यशैली को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब में यह वीडियो महत्वपूर्ण है. घटना के बाद मौके पर कराई गई फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी भी विवेचना कर रही एसआईटी को सौंप दी गई है.