ABC NEWS: कानपुर की CSJM यूनिवर्सिटी रिजल्ट में लापरवाही सामने आयी है. केमिस्ट्री के 40 अंक के पेपर में 44 अंक मिले हैं. यह मामला किसी एक छात्र या एक कॉलेज का नहीं बल्कि कई कॉलेजों के कई छात्रों का है.इससे छात्र जहां दुविधा में हैं, वहीं विवि में खलबली मची है. आनन-फानन में विवि प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. सीएसजेएमयू में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है.इस बार कम अंक, अनुपस्थित या जीरो नहीं दिए गए हैं बल्कि जितने का पेपर था उससे भी चार अंक ज्यादा छात्रों को मिले हैं.
पीपीएन, एएनडी समेत कई अनुदानित व सेल्फफाइनेंस कॉलेज के छात्रों को एमएससी-केमिस्ट्री अंतिम वर्ष के पेपर चार आर्गेनोट्रांसिशन मेटल केमिस्ट्री में 40 अंक में से 44 अंक दिए गए हैं. रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि मामले की जानकारी है. तकनीकी टीम से कुछ गड़बड़ी हुई है. जांच कराई जा रही है. जल्द रिजल्ट में सुधार के साथ दोषी पर कार्रवाई की जाएगी.
सीएसजेएमयू प्रदेश में सबसे पहले परीक्षाएं व परिणाम जारी कर वाहवाही बटोर रहा लेकिन छात्र गड़बड़ियों से परेशान होकर विवि के चक्कर लगा रहे हैं. स्नातक के बाद अब परास्नातक के छात्रों के रिजल्ट को जारी करने में भी लापरवाही बरती गई है. दूसरे साल में अच्छे अंक के बावजूद पहले साल उनको कम अंक दिए गए हैं जबकि इन छात्रों को प्रमोट किया गया था और नियमता उन्हें द्वितीय वर्ष के समान प्रथम वर्ष में अंक दिए जाने थे. इससे छात्रों में नाराजगी है.
विवि प्रशासन ने आधी-अधूरी तैयारी और जल्दबाजी में बीए, बीएससी, बीकॉम, एमएससी का परिणाम जारी कर दिया. पहले स्नातक के छात्र विवि के चक्कर लगा रहे थे. वहीं,अब परास्नातक के रिजल्ट में भी गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं. द्वितीय वर्ष में अच्छे अंक होने के बावजूद प्रथम वर्ष में कम अंक दिए गए हैं. छात्रों का कहना है कि पहले साल में प्रैक्टिकल के अंकों को नहीं जोड़ा गया है. महाविद्यालय विकास परिषद के निदेशक डॉ. आरके द्विवेदी ने बताया कि प्रथम वर्ष में प्रैक्टिकल के अंक न चढ़ने से दिक्कत हुई है. अब सभी छात्रों को द्वितीय वर्ष के प्रैक्टिकल में 100 में से मिले अंकों के आधार पर ही प्रथम वर्ष में 180 अंकों में अंक दिए जाएंगे. इससे औसतन प्रतिशत द्वितीय वर्ष के समान रहेगा.