ABC NEWS: कानपुर में मोतियाबिंद का गलत ऑपरेशन कर 6 बुजुर्गों की आंखों की रोशनी छीनने वाले आराध्या आई हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. मामले में बनाई गई जांच कमेटी के सवालों का जवाब अस्पताल संचालक डा. नीरज गुप्ता नहीं दे सके. जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई की. बता दें कि 22 नवंबर को 6 बुजुर्गों ने मामले की शिकायत सीएमओ से की थी, जिसके बाद ये मामला खुला था.
बुजुर्गों ने ऑपरेशन से किया इंकार, डिस्चार्ज
आंखों की रोशनी गवां चुके 5 बुजुर्गों का ऑपरेशन हैलट के नेत्र रोग विभाग में किया जा रहा था. गुरुवार देर शाम सभी बुजुर्गों को डिस्चार्ज कर दिया गया. डा. शालिनी मोहन ने बताया कि रोगियों ने आंखों की सर्जरी करने से इंकार कर दिया था. ऐसे में उन्हें एंटीबायोटिक दवाइयां देकर घर भेज दिया गया है. बुजुर्गों की आंखों में खतरनाक सूडोमोनास बैक्टीरिया संक्रमण पाया गया था.
ऑपरेशन के बाद बरती लापरवाही
CMO डा. आलोक रंजन ने बताया कि 3 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई थी. तीनों जवाब संतोषजनक नहीं थे. ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंखों की जांच की जानी चाहिए थी, मगर ऐसा नहीं किया गया. अगर ऐसा किया गया होता तो आंखों में फैले संक्रमण का सही वक्त पर पता चल जाता और सही समय पर इलाज किया जा सकता था. वहीं अस्पताल मैनेजमेंट कई जरूरी डॉक्यूमेंट नहीं दे सका.
बुजुर्गों का हैलट अस्पताल में किया जा रहा था इलाज.
नहीं ली गई थी कैंप की परमिशन
सीएमओ ने बताया कि जांच में ये भी पाया गया कि अवैध तरीके से आई कैंप का आयोजन किया गया था. सीएमओ कार्यालय में परमिशन से संबंधित कोई भी डॉक्यूमेंट अस्पताल की तरफ से नहीं भेजा गया था.
ओटी की रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्रवाई
सीएमओ ने बताया कि अस्पताल में बने ओटी की भी कल्चर रिपोर्ट कराई गई है. अगर वहां कोई संक्रमण मिलता है तो उस आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी. अभी जांच कमेटी को उस रिपोर्ट का इंतजार है.