ABC NEWS: कानपुर में मुफलिसी के चलते एक छात्रा का सपना टूट गया. 91.4 फीसदी अंकों के साथ इंटर में टॉप करने वाली बेटी का आर्थिक तंगी के कारण दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने का जो ख्वाब तो वह अधूरा रह गया. फैक्ट्री श्रमिक पिता उसके एडमीशन के लिए 30 हजार रुपये नहीं जुटा सके. इसके कारण बेटी को प्रवेश नहीं दिला सके.
अकबरपुर की कांशीराम कालोनी में रहने वाली सेजल चौरसिया इस बार इंटर की जिला टॉपर थी. सेजल का सपना डीयू में प्रवेश का था। इसके लिए उसने केन्द्रीय पात्रता परीक्षा भी दी थी और प्रवेश के लिए मेरिट में उसका नंबर भी आया. सेजल ने बताया कि प्रवेश के समय उसके पास डीयू से लिंक आया जिसमें उसे दो दिन में 30 हजार रुपये जमा करने थे. उसके पिता ने फैक्ट्री व कुछ रिश्तेदारों से प्रयास किया, लेकिन पैसे का इंतजाम नहीं हो सका. इसके कारण से उसका यह सपना टूट गया.
सेजल ने बीएससी में अब अकबरपुर डिग्री कालेज में प्रवेश लिया है. सेजल ने बताया कि इंटर टॉप करने के बाद लखनऊ में सीएम से सम्मान तो मिला, लेकिन सरकार से कोई फाइनेंशियल मदद नहीं मिली. इससे उसका यह सपना टूट गया. अब स्नातक करने के बाद वह यूपीएससी की तैयारी करेगी. वहीं पिता उमेश चौरसिया ने बताया कि वह फैक्ट्री मे काम करते हैं. उससे घर का खर्च चलना मुश्किल है. प्रयास किया, लेकिन दो दिन में 30 हजार का इंतजाम नहीं हो सका. वहीं दिल्ली में पढ़ाने पर रहने व अन्य खर्चे वहन करना भी उनके लिए कठिन था.