ABC News: जूही रेलवे कॉलोनी से संदिग्ध हालात में लापता हुए तीन बच्चों को जूही थाने की पुलिस ने सोमवार को उन्नाव से बरामद कर लिया है. पूछताछ के दौरान तीनों ने बताया कि उन्नाव में मेला देखने गए थे. चूरन के साथ मिले नकली नोट लेकर मेला देखने गए थे. आटो वाले को झांसा देकर 500 का नकली नोट दिया था. उसके लौटाए रुपए से तीनों ने मेला देखा और खाना-पीना खाया था. पान वाले की सूचना पर जूही पुलिस ने तीनों को बरामद कर लिया.
जूही रेलवे कॉलोनी में रहने वाले रिक्शा चालक सर्वेश का बेटा आयुष्मान उर्फ सूफियान (8) और प्रवेश का बेटा रेहान (10) पास की कच्ची बस्ती निवासी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नीरज बाल्मीकि की बेटी ईशा (12) के साथ रविवार शाम पांच बजे घर के बाहर खेल रहे थे. इसके बाद तीनों संदिग्ध हालात में लापता हो गए. तीनों के बच्चे घर नहीं पहुंचे तो परिवार और पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया. सूचना पर जूही थाने की पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करके तीनों बच्चों की तलाश शुरू कर दी थी. डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि तीनों बच्चों की तलाश में पांच टीमों को लगाया गया था. रात भर सीसीटीवी फुटेज, बस अड्डा और रेलवे स्टेशन की 25 से 30 पुलिस कर्मियों ने खाक छान डाली लेकिन कुछ पता नहीं चला. इसके साथ ही जीआरपी और पड़ोसी जिले की पुलिस को भी सूचना दी गई थी. सोमवार सुबह एक पान वाले ने बच्चों से बात की और उनके परिजनों के साथ पुलिस को बच्चों के उन्नाव में होने की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस तीनों बच्चों को लेकर कानपुर पहुंची और परिजनों के सुपुर्द कर दिया. तीनों बच्चों के लापता होने के बाद से पुलिस बहुत तेजी से सक्रिय हो गई थी. क्यों कि कैंट में बीते महीने बच्चे को अगवा करने के बाद हत्या कर दी गई थी. हत्यारोपी इलाके के ही थे और पहचान खुलने के डर से बच्चे की हत्या कर शव गंगा में फेंक दिया था. इधर 11 अक्तूबर को बादशाहीनाका से बच्चे का अपहरण करने के बाद हत्या कर दी गई. इस बात को लेकर परिवार के लोग और पुलिस दहशत में थी. बच्चों के मिलने के बाद से परिजनों के साथ ही पुलिस ने भी राहत की सांस ली है.