ABC News: कानपुर के चर्चित अमित मर्डर केस की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने एसआईटी गठित कर दी है. एक आईपीएस अफसर की निगरानी में हत्याकांड की जांच होगी. अमित ही नहीं ज्योति मर्डर केस की भी अब दोबारा एसआईटी नए सिरे से जांच करेगी. क्यों कि दोनों मामले एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. वहीं, जांच में संदिग्ध एक महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
शिवकटरा हरिजन बस्ती निवासी अमित कुमार का 18 सितंबर को भौती में जला हुआ शव पड़ा मिला था. सुसाइड नोट की पुलिस ने जांच की तो हत्याकांड की ओर इशारा बढ़ गया. डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि अमित हाईस्कूल फेल था. लेकिन सुसाइड नोट में एक वकील की भाषा में सुसाइड नोट लिखा हुआ है. इसके साथ ही एक-एक धाराओं का जिक्र किया गया है. अमित की ओर से लिखा है कि मेरी मौत के जिम्मेदार ज्योति के पिता संतोष कुमार मिश्रा, मां सावित्री देवी, भाई अमन मिश्रा और एक रिश्तेदार आनंद तिवारी है. इसके साथ ही सुसाइड नोट में अमित ने विमल पासवान को क्लीनचिट दी है. विमल भी ज्योति मर्डर केस में अमित के साथ जेल गई थी. विमल को 27 जून और 2 सितंबर को अमित को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. लिखावट से साफ झलक रहा है कि कानून के जानकर की ओर से यह सुसाइड नोट लिखा गया है. इससे साफ है कि एक साजिश के तहत अमित की नृशंस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है. डीसीपी ने बताया कि एसआईटी सिर्फ अमित हत्याकांड की ही जांच नहीं करेगी. अमित जिस लड़की ज्योति मिश्रा मर्डर केस में जेल गया था. अब उसे भी दोबारा खोलने का आदेश दिया गया है. दोनों केस एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. इसके चलते ज्योति मर्डर केस की जांच भी दोबारा होगी. इससे कि अमित हत्याकांड की परतें भी आसानी से खुल सकें.