ABC News: कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर मंगलवार दोपहर कानपुर पहुंचे. उन्होंने मोतीझील ग्राउंड में भक्तों के साथ फूलों की होली खेली. इस दौरान उन्होंने कहा कि सनातनियों को अपने धर्म के बारे में सबसे पहले सोचना चाहिए. अगर आप भारत माता के लिए कुछ भी करना चाहते हो, तो अपने धर्म के बारे में सोचना शुरू कर दो.आजादी को बचाए रखने के लिए यह बेहद जरूरी है.
उन्होंने कहा, अन्य धर्म के लोग भी परिवार के बारे में नहीं, बल्कि अपने धर्म के बारे में पहले सोचते हैं. आज अपने धर्म के लिए कुछ नहीं किया, तो 25 साल बाद होली खेलने को तरस जाओगे. कुछ लोग आएंगे और तुमको होली खेलने से रोक देंगे और तुम कुछ नहीं कर पाओगे. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि आजादी को बचाकर रखना है तो सनातन धर्म की रक्षा करनी होगी. बच्चों को संस्कार देना होगा. उन्हें धर्म से जोड़ना होगा. लोग कहेंगे हमारे बच्चे ऐसे नहीं हैं. लेकिन जो बच्चे सड़कों पर बच्चियों को छेड़ रहे हैं. शराब, गुटखा, सिगरेट का सेवन कर रहे हैं. वो भी सनातनियों के बच्चे हैं. हमें उनके बारे में भी सोचना होगा. उन्होंने कहा कि देश में ऐसा कानून बनना चाहिए जिससे सनातनी बच्चों की शादी सनातनी परिवार में हो. हमें बच्चों में अच्छे संस्कार देने हैं.
जिससे बच्चे पश्चिमी सभ्यता की तरफ आकर्षित न होकर सनातनी परंपरा का पालन करें. सनातनी बच्चे अन्य धर्मों के मुकाबले तेजी से धर्मांतरण का शिकार हो रहे हैं. इसे हमें हर हाल में रोकना होगा. विश्व शांति सेवा समिति कानपुर और विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट दिल्ली की ओर से होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई. उसके बाद कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने बिहारी जी के गीत सुनाए. श्रोता उनके भजनों को सुनकर भक्ति में डूब गए. कार्यक्रम स्थल राधे कृष्ण के जयकारों से गूंज उठा. देवकीनंदन ठाकुर ने यहां राधा कृष्ण की फूलों की होली, लट्ठमार होली और लड्डू होली का प्रसंग सुनाया. उसके बाद उन्होंने फूलों की होली खेली और लोगों को अबीर-गुलाल लगाया. उन्हें होली की बधाई भी दी.