ABC News: इस साल पड़ी कड़ाके की सर्दी में ब्रेन स्ट्रोक का ग्राफ पिछली बार के मुकाबले कई गुना बढ़ गया, लेकिन चिंताजनक है कि इसमें पांच गुना स्ट्रोक के मरीज वह हैं जिन्होंने ब्लड प्रेशर की दवा ब्रेक की थी. यही लापरवाही उन पर भारी पड़ गई. जारी किए गए आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है.
GSVM मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग ने सलाह दी है कि ब्लड प्रेशर के मरीजों को दवा लगातार लेनी है. बीपी कंट्रोल रहने पर भी इसे बंद नहीं करना है. इसके लगातार सेवन से स्ट्रोक या हार्ट अटैक की आशंका बेहद कम हो जाती है. मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग ने इस बार अलग से स्ट्रोक यूनिट को शुरू कर दिया है. यूनिट ने बीते दो महीने में ब्रेन स्ट्रोक के आए मरीजों के आधार पर आंकलन रिपोर्ट बनाकर कॉलेज प्रशासन के साथ ही डीजीएमई को भेजी है. रिपोर्ट में बड़ी संख्या में स्ट्रोक के ऐसे मरीज हैं जिन्होंने बीच में ही बीपी की दवा रोक दी. केस हिस्ट्री में 46 फीसदी में यही कारण सामने आया है. डॉक्टर मरीजों में इस तरह की सोच को खतरनाक बता रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग के हेड डॉ.आलोक वर्मा ने बताया कि बीपी की दवा में ब्रेक या उसकी डोज में लापरवाही मुख्य कारण रहा. सभी को सलाह है कि अगर हाइपरटेंशन है तो हर किसी को दवा लेते रहना है.
रिपोर्ट में ये आंकड़े आए सामने
– 1 दिसम्बर 22 से 31 जनवरी 23 में 789 ब्रेन स्ट्रोक के केस आए
– 46 फीसदी (364) को बीपी की दवा अचानक ब्रेक करने से पड़ा ब्रेन स्ट्रोक आया
– बीते साल इसी टाइम में बीपी दवा के ब्रेक का ग्राफ आठ परसेंट ही रहा
– 2021 में 7 परसेंट रहा, 2020 में 6.7 परसेंट रहा व 2019 में 7.9 फीसदी