ABC News: बदलते मौसम में स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है. बारिश की विदाई के साथ ही अब मच्छरों क प्रकोप फैल रहा है. कानपुर में डेंगूं के मामले सामने आए हैं. मच्छर जनित रोगों को लेकर होम्योपैथिक डॉक्टरों ने सतर्क रहने को कहा है. आरोग्यधाम, ग्वालटोली में हुई संगोष्ठी में सीनियर होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ हेमंत मोहन ने कहा कि डेंगू, चिकनगुनिया लाइलाज नहीं है. होम्योपैथिक दवाओं में इसका असरदार इलाज मौजूद है.
डॉ. हेमंत मोहन ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से मौसम में बदलाव से डेंगू एवं चिकनगुनिया के रोगियों की वृद्धि देखी गई है. उनके क्लीनिक में इससे मिलते जुलते लक्षणों वाले मरीज केवल कानपुर से नहीं, बल्कि आसपास के शहरों और कस्बों से भी आ रहे हैं. ऐसे में मरीजों को सतर्क रहना जरूरी है. उन्होंने कहा कि एंटीबायोटिक और पेन किलर दवाओं का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. बताया कि चिकनगुनिया का मरीज जब पेन किलर लेता है, तो इससे उसकी सायनोवियल मेंब्रेन में सूजन आ जाती है. एनएसएआईडी ड्रग लेने से मरीज के जोड़ों में ओस्टियोआर्थराइटिस चेंजेज आ जाते हैं एवं मरीज के चलने फिरने से सायनोवियल मेंब्रेन रप्चर होने का खतरा बना रहता है. ऐसे में मरीज जब पेन किलर लेना बंद करता है तब उसके जोड़ों में जकड़न आ जाती है तथा उसका चलना फिरना दूभर हो जाता है. जबकि होम्योपैथिक दवाओं में चिकनगुनिया का समूल नाश मौजूद है. वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरती मोहन ने बताया कि डेंगू हेमोरेजिक फीवर की कंडीशन में जब सोडियम एवं पोटेशियम का बैलेंस शरीर में बिगड़ जाता है एवं मरीज का दिमाग संतुलन से बाहर हो जाता है तब भी होम्योपैथिक दवाएं चमत्कारिक परिणाम देती है. होम्योपैथिक दवाओं में किसी प्रकार का साइड इफेक्ट भी नहीं हैं.