ABC NEWS: पंजाब, यूपी और बिहार समेत तमाम राज्यों में लगातार करारी हार का सामना कर रही कांग्रेस अब बड़े प्रयोग करने की तैयारी में है. इसी के तहत वामपंथी दल सीपीआई से आए कन्हैया कुमार को पार्टी अहम रोल दे सकती है. जेएनयू के छात्र नेता रहे कन्हैया कुमार को कांग्रेस दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है अथवा यूथ कांग्रेस का चीफ बनाने पर भी विचार चल रहा है. फिलहाल दोनों विकल्पों पर बात चल रही है और किसी एक पर मुहर लग सकती है. यदि कन्हैया कुमार को प्रमोट किया जाता है तो यह कांग्रेस में व्यापक बदलाव होगा. इससे कांग्रेस का झुकाव लेफ्ट की विचारधारा की तरफ बढ़ता दिखेगा.
हालांकि कांग्रेस कन्हैया कुमार के जरिए युवाओं को प्रमोट करने का संदेश देना चाहती है. कन्हैया कुमार भाजपा पर तीखे हमले बोलते रहे हैं. खासतौर पर पीएम नरेंद्र मोदी पर वह पूंजीवादी नीतियों को लेकर हमला करते रहे हैं. ऐसे में कन्हैया कुमार को कांग्रेस उस नेता के तौर पर देख रही है, जो अपने बयानों के चलते चर्चा बटोर सकते हैं. इसके अलावा कांग्रेस में ऊर्जा भी भर सकते हैं। हालांकि कन्हैया कुमार के नाम पर विचार होने की खबर से कुछ कांग्रेसी ही असहज हो गए हैं. पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि कन्हैया कुमार वैचारिक और राजनीतिक तौर पर बाहरी नेता हैं. उन्हें इतनी जल्दी प्रमोशन देना ठीक नहीं होगा.
बिहार कांग्रेस में भी रहा है कन्हैया कुमार का विरोध
कन्हैया कुमार ने 2021 में कांग्रेस का दामन थाम लिया था. इससे पहले वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे। बिहार में भी कन्हैया कुमार को कोई प्रमुख रोल देने का विरोध होता रहा है. राज्य के कांग्रेसी नेता कन्हैया कुमार को बड़ा रोल देने के खिलाफ रहे हैं। फिर सवाल यह उठता है कि जब कन्हैया कुमार को बिहार में ही कोई अहम पद नहीं मिला तो फिर उन्हें दिल्ली क्यों लाया जाएगा. इस पर कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी शीला दीक्षित वाला प्रयोग करना चाहती है.
कन्हैया कुमार से कांग्रेस को दिल्ली में शीला दीक्षित जैसी सफलता की उम्मीद
शीला दीक्षित मूल रूप से यूपी की रहने वाली थीं, लेकिन उन्हें दिल्ली की सियासत में लाकर कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली थी. इसकी वजह यह है कि दिल्ली में एक बड़ी आबादी बिहार और पूर्वी यूपी के लोगों की है. इन लोगों को कन्हैया कुमार के जरिए कांग्रेस जोड़ सकती है. इसके अलावा यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास का 4 साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है. ऐसे में उनकी जगह पर कन्हैया कुमार को लाने पर विचार चल रहा है, जो युवाओं के एक वर्ग को कांग्रेस के साथ ला सकते हैं.