IoT: आपकी निजता को 100% खत्म करने वाली टेक्नोलॉजी, जानें कैसे हो रही है आपकी जासूसी

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ABC News: स्मार्ट होम का नाम तो आपने सुना ही होगा. स्मार्ट होम भी किसी स्मार्टफोन से कम नहीं होता. स्मार्ट होम एक ऐसा घर होता है जिसमें हर चीज स्मार्ट होती हैं और आपके इशारे पर काम करती हैं. उदाहरण के तौर पर आपका मन जूस पीने का कर रहा है लेकिन आप उठकर जूस बनाना नहीं चाहते हैं तो स्मार्ट होम की टेक्नोलॉजी आपके लिए यह काम कर सकती है. स्मार्ट होम इंटरनेट ऑफ थिंग्स मॉड्यूल पर काम करती है. इंटरनेट ऑफ थिंग्स को बहुत ही आसान भाषा में समझना है तो आप इसे इंटरनेट की चीजें कह सकते हैं. आईओटी मॉड्यूल में सभी तरह के गैजेट और चीजें स्मार्ट होती हैं और इंटरनेट से कनेक्टेड होती हैं. आइए जरा समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर इंटरनेट ऑफ थिंग्स पूरी दुनिया के लिए खतरनाक क्यों है?

स्मार्ट होम और इंटरनेट ऑफ थिंग्स
इंटरनेट ऑफ थिंग्स के पैदा होने के बाद ही स्मार्ट होम की शुरुआत हुई है. IoT के बिना आप स्मार्ट होम की कल्पना भी नहीं कर सकते. स्मार्ट फैन, स्मार्ट बल्ब, स्मार्ट मिक्सर, स्मार्ट लॉक, स्मार्ट एसी, ये सभी IoT के ही गैजेट हैं. इंटरनेट कनेक्टिविटी के बिना IoT अधूरा है. 5जी की लॉन्चिंग के दौरान आपने देखा और पढ़ा होगा कि एयरटेल से लेकर जियो और वोडाफोन तक सबने इंटरनेट ऑफ थिंग्स की सबसे ज्यादा चर्चा की है. इसका बड़ा कारण यह कि एक सफल IoT मॉड्यूल के लिए एक अच्छी स्पीड वाले इंटरनेट की जरूरत है. स्मार्ट एंबुलेंस भी IoT का ही एक हिस्सा है. आपने कुछ हॉलीवुड फिल्मों में वॉयस कमांड से घर के दरवाजे को खुलते हुए देखा होगा. यह भी IoT का ही उदाहरण है. IoT मॉड्यूल का इस्तेमाल ऑटोमेशन में भी बड़े स्तर पर होता है. फिलहाल स्मार्ट होम के अलावा IoT का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक में हो रहा है, लेकिन यहां IoT से उतना खतरा नहीं है, जितना स्मार्ट होम में IoT से खतरा है, क्योंकि घर एक निजी जगह है. उदाहरण के तौर पर आपके बेडरूम का बल्ब आपके निजी पलों को रिकॉर्ड कर सकता है. इतना समझ लीजिए कि आपने घर को स्मार्ट बना दिया तो आपकी प्राइवेसी खत्म, क्योंकि आपके घर की एक-एक चीजें रिकॉर्ड होंगी और किसी-ना-किसी सर्वर पर स्टोर होंगी.

इंटरनेट ऑफ थिंग्स के खतरे
हाल ही में एशियन लाइट इंटरनेशनल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि स्मार्ट होम की आड़ में चीन आपको स्मार्ट बल्ब, फ्रिज और कार के जरिए पल-पल देख रहा है जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि, गोपनीयता और मूल्य और मानव अधिकार के लिए सबसे बड़ा खतरा है. स्मार्ट होम या आईओटी में चीन का नाम ही क्यों सामने आ रहा है. इसका बड़ा कारण यह है कि अधिकतर स्मार्ट होम या IoT सपोर्ट वाले गैजेट चाइनीज हैं. बाजार में आपको 1,000 रुपये से भी कम में स्मार्ट बल्ब मिल जाएगा और यह बल्ब आपकी जासूसी करने के लिए काफी है. आपकी जासूसी स्मार्ट स्पीकर से भी आराम से हो सकती है. स्मार्ट स्पीकर में वॉयस कंट्रोल होता है. कई बार एलेक्सा को लेकर ही रिपोर्ट सामने आई है यह यूजर्स की बातें सुन रहा है. अमेजन एलेक्सा भी एक स्मार्ट स्पीकर है. ब्रिटिश राजनयिक चार्ल्स पैट्रोन ने कहा कि सभी देशों को जल्द-से-जल्द चाइनीज IoT मॉड्यूल पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाने चाहिए और सरकारी संपत्तियों और सेवाओं में इनका कहां-कहां इस्तेमाल हुआ है, इसका गहन ऑडिट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक नए चाइनीज IoT मॉड्यूल खरीदने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और 2025 के अंत तक मौजूदा उत्पादों को बदलने के लिए एक समय सीमा जारी की जानी चाहिए.


दुनिया के 54 फीसदी मार्केट पर तीन चाइनीज कंपनियों का कब्जा
आपको जानकर हैरानी होगा कि दुनिया की 54 फीसदी IoT मार्केट पर तीन चाइनीज कंपनियों का ही कब्जा है और इन तीनों कंपनियों के नाम Quectel, Fibocom और China Mobile है. दुनिया के 54 फीसदी मार्केट में इनकी 75 फीसदी IoT का इस्तेमाल हो रहा है. इन कंपनियों के क्लाइंट की लिस्ट में Dell, Lenovo, HP और Intel के अलावा Tesla का भी नाम शामिल है. कहा जा रहा है कि अन्य चाइनीज कंपनियों की तरह ये कंपनियां भी चाइनीज सरकार के साथ दुनियाभर के यूजर्स का डाटा साझा कर सकती हैं.

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