ABC News: स्पेस प्राइवेट सेक्टर में आज इसरो और हैदराबाद की कंपनी स्काईरूट ने इतिहास रच दिया है. देश का पहला निजी क्षेत्र का मिशन प्रारंभ सफल रहा. इस मिशन को स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा तैयार किए गए विक्रम एस रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया. इस मिशन के तीन पेलोड थे और यह सब ऑर्बिटल मिशन था. यानी पृथ्वी को सतह से 101 किलोमीटर की दूरी पर पहुंच कर मिशन समंदर में स्प्लैश हुआ. पूरे मिशन का समय केवल 300 सेकंड्स का था.
??
CONGRATULATIONS #ISRO!!India’s first ever private rocket Vikram-S, named after Vikram Sarabhai, launched from #Sriharikota.@isro #ISRO #VikramS pic.twitter.com/HwpxXEqV7k
— Doordarshan National दूरदर्शन नेशनल (@DDNational) November 18, 2022
इसरो ने इस मिशन के प्रक्षेपण के लिए स्काईरूट एयरोस्पेस को 12 नवंबर से 16 नवंबर का विंडो किया था. लेकिन मौसम के हालात को देखते हुए 18 नवंबर को सुबह 11.30 बजे तय किया गया. इसमें कोई दो राय नहीं कि अब तक इस इसरो अपने रॉकेट्स का प्रक्षेपण करता रहा है लेकिन यह पहली बार था जब इसरो ने किसी निजी कंपनी का मिशन अपने लॉन्चिंग पैड से प्रक्षेपित किया. इस मिशन के साथ ही हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च करने वाली पहली निजी स्पेस कंपनी बनकर इतिहास रच दिया है. इस मिशन के साथ ही प्राइवेट स्पेस सेक्टर को बड़ा बूस्ट मिलेगा. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राइवेट सेक्टर को भी मिशन लॉन्चिंग के लिए मोटिवेट करते रहे हैं. साल 2020 में प्राइवेट सेक्टर के दरवाजे खोले गए थे. इसका एक मुख्य कारण यह भी कह सकते हैं कि सरकार चाहती है कि छोटे मिशन का भार जो इसरो पर रहा है वह अब प्राइवेट सेक्टर के भागीदारी में उन्हें दिया जाए. ताकि इसरो से छोटे मिशन का लोड कम हो जाए और भारत की स्पेस एजेंसी इसरो बड़े बड़े मिशन पर फोकस कर सकें. वह अपने रिसर्च और स्पेस ग्रोथ पर ध्यान दे सकें. इसके साथ ही भारत में कमर्शियल मार्केट भी बढ़ेगा और साथ ही इसरो को अपने बड़े मिशन पर काम करने का वक्त मिल पाएगा.
क्या है Vikram-S?
विक्रम-एस सिंगल सॉलिड स्टेज रॉकेट है जो कि सब-ऑर्बिटल यानी उपकक्षीय लॉन्च व्हीकल है. यह स्काईरुट के विक्रम सिरीज़ के रॉकेट्स का हिस्सा है. स्काईरूट एयरोस्पेस ने रॉकेट का नाम विक्रम रखा है. जो कि अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है. यह कंपनी कमर्शियल सैटेलाइट प्रक्षेपण के लिए अत्याधुनिक प्रक्षेपण यान का निर्माण करती है.