ABC News: लद्दाख क्षेत्र में लंबे समय से भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा गतिरोध को सुलझाने में मिली बड़ी कामयाबी. भारतीय और चीनी सैनिकों ने गोगरा-हॉट स्प्रिंग पेट्रोलिंग पाइंट 15 (PP-15) के क्षेत्र से पीछे हटना शुरू कर दिया है. 8 सितंबर 2022 को, भारत चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के 16वें दौर में बनी सहमति के अनुसार ये कदम उठाया गया है. दोनों देशों ने संयुक्त बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी है.
पिछले दो साल से एलएसी पर चल रहे तनाव के दौरान जिन विवादित इलाकों को लेकर दोनों देशों में तनातनी चल रही थी उनमें ये आखिर विवादित था. हालांकि, पुराने फ्लैश पॉइंट जैसे डेपसांग प्लेन और डेमचोक में अभी भी तनाव जारी है. पीपी-15 में डिसइंगेजमेंट को लेकर 16वें दौरे की मीटिंग में सहमति बनी थी. इस बाबत रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के 16वें दौर में बनी आम सहमति के अनुसार, गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स (पीपी-15) के क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों ने आज समन्वित और नियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है. आपसी तालमेल के साथ सैनिकों की वापसी सुनिश्चित कर रहे हैं. जो सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के लिए अनुकूल है. ये बयान अगले सप्ताह उज्बेकिस्तान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होने वाली बैठक से कुछ दिन पहले आया है. बता दें कि, अप्रैल-मई 2020 में चीनी सेना द्वारा कई क्षेत्रों में सीमा का उल्लंघन करने के बाद से भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है. हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि भारत और चीन के बीच संबंध बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने गलवान घाटी गतिरोध और चीन द्वारा सीमा समझौतों के अवहेलना के बारे में बात की थी.