ABC News: सड़क हादसों में होने वाली मौतों के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर और सूबे में कानपुर पहले स्थान पर है. जी हां, यह आंकड़े सड़क हादसों में हुई उन मौतों के हिसाब से है जिसमें कानपुर प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है, जहां सड़क हादसों में सबसे ज्यादा लोगों ने जान गंवाई. वाकई में यह चिंता का विषय है. जिस तरह से सड़क हादसे में मौत के आंकड़े सामने आए हैं, वह सरकार और जिला प्रशासन के लिए भी चुनौती है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने साल 2021 के आंकड़े जारी किए हैं, जिसे देखकर ही सड़क पर चलने वालों के मन में दहशत बन जाए.
एनसीआरबी की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे प्रदेश में सड़क हादसों के कारण सबसे ज्यादा मौतें कानपुर में हुई है. यहां 1373 लोगों की मौत सड़क पर हादसों के कारण हुई. दूसरे नंबर पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है. इसी तरह से तीसरे नंबर पर वाराणसी और चौथे पायदान पर गाजियाबाद. पांचवें नंबर पर, छठे पर आगरा और सातवें नंबर पर मेरठ जहां पर सड़क हादसों में सबसे अधिक मौतें हुई. रिपोर्ट में देश के 53 प्रमुख शहरों का आंकड़ा जारी किया गया है. पूरे देश में भी कानपुर शहर सड़क हादसे में हुई मौतों के मामले में 10 नंबर पर है. मुंबई पूरे देश में 6000 से ज्यादा सड़क हादसों में मौत के रिकॉर्ड के मुताबिक देश में नंबर एक पर है दूसरे स्थान पर बेंगलुरु और तीसरे स्थान पर दिल्ली है जहां पर सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. सड़क पर हादसे कम हों, इसके लिए अलग-अलग प्रदेशों में और यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी यातायात के नियमों को कड़े किए हैं. साथ यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माने की राशि को भी कई गुना बढ़ाया गया है. बावजूद इसके सड़क पर चलने वाले लोग सचेत नहीं हो पा रहे हैं. यह समझना होगा कि यह सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है. आम लोगों के भी है, जो लोग सड़क पर वाहन चलाते हैं. वह यातायात के नियमों का पालन करने के साथ-साथ वाहनों को चलाते समय सेफ्टी के लिए उपयोग किए जाने वाले संसाधन और नियमों का पूरी तरह से पालन करें, जिससे शायद मौत के आंकड़े कम हो सकते हैं और लोगों की जान बच सकती है.