ABC News: इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने भारत तो इकोनॉमिक मोर्चे पर झटका देते हुए कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 6 फीसदी से कम रह सकती है. इससे पहले आईएमएफ ने यह अनुमान 6.1 फीसदी का लगाया था जो घटाकर 5.9 फीसदी तक का दिया है. आईएमएफ का कहना है कि रूस-यूक्रेन वॉर और महामारी के कारण कमजोर हुई फाइनेंशियल कंडीशन की वजह से ग्लोबल इकोनॉमी की तस्वीर थोड़ी धुमिल हुई है.
आईएमएफ ने अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में कहा कि मिड टर्म में विकास की संभावनाएं कमजोर दिखाई दे रही है. वहीं आईएमएफ ने 2023 के लिए ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ के अपने अनुमान को 2.9 फीसदी से घटाकर 2.8 फीसदी कर दिया है. जनवरी में, कई लोगों ने भारत की जीडीपी का अनुमान वित्त वर्ष 2024 में 6.1 फीसदी और वित्त वर्ष 2025 में 6.8 फीसदी बढ़ने की भविष्यवाणी की थी. वित्त वर्ष 2025 के लिए अब अपने अनुमान को कम कर 6.3 फीसदी कर दिया गया है. कटौती के बावजूद, भारत अगले दो वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी होगी. IMF ने भारत की महंगाई को चालू वर्ष में 4.9 फीसदी रहने और अगले वित्तीय वर्ष में 4.4 फीसदी तक रहने का अनुमान लगाया गया है. पिछले हफ्ते, वर्ल्ड बैंक और एशियाई डेवलपमेंट बैंक ने वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के विकास के अनुमान को क्रमशः 6.3 फीसदी और 6.4 फीसदी तक कम कर दिया था.भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने पिछले सप्ताह फरवरी की बैठक में अनुमानित 6.4 फीसदी की तुलना में वित्त वर्ष 24 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 6.5 फीसदी तक बढ़ा दिया. वहीं दूसरी ओर कमेटी रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और महंगाई का अनुमान 5.2 फीसदी पर रखा है जो आईएमएफ के अनुमान से ज्यादा है.