ABC NEWS: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारत सरकार का अगला आम बजट पेश करेंगी. बजट में होने वाले ऐलान पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. बजट और इकोनॉमिक सर्वे से पहले आईएमएफ ने अच्छी खबर दी है. आईएमएफ का अनुमान है कि 2023 और 2024 में चीन और अमेरिका से अधिक रह सकती है.
आईएमएफ (IMF) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए बताया है कि ग्लोबल इकोनॉमी में इस साल पिछले वर्ष की तुलना में गिरावट देखने को मिल सकती है. भारत के लिए अच्छी बात यह है कि मौजूदा साल में देश की ग्रोथ रेट चीन और अमेरिका से अधिक रहने की उम्मीद है. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले ग्रोथ रेट में गिरावट देखने को मिल सकती है.
आईएमएफ ने अपने अनुमान में जताया है, “भारत की ग्रोथ रेट 2022 के 6.8 प्रतिशत से घटकर 6.1 प्रतिशत 2023 में रह सकती है. हालांकि, यह एक बार फिर इसे 2024 में 6.8 प्रतिशत तक जाने की संभावना जताई जा रही है.” वहीं, आईएमएफ के चीफ इकोनॉमिस्ट और रिसर्च डायरेक्टर ने कहा, “चालू वित्त वर्ष के लिए हमने अक्टूबर के अनुमान को बरकरार रखा है. लेकिन मार्च के बाद ग्रोथ रेट में गिरावट देखने को मिल सकती है. वित्त वर्ष 2023 भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.1 प्रतिशत रह सकती है. ग्रोथ रेट में गिरावट की वजह वैश्विक अस्थिरता है.”
अमेरिका और चीन से तेज रहेगी भारत की रफ्तार
आईएमएफ ने अपने प्रोजेक्शन में कहा है कि साल 2023 के अमेरिकी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 1.4 प्रतिशत, चीन की 5.2 प्रतिशत रह सकती है। जोकि भारत की तुलना में कम है. बता दें, चीन के लिए पिछला साल काफी चुनौती पूर्ण रहा है. जीरो कोविड पॉलिसी ने चीनी अर्थव्यस्था के लिए बुरा साल साबित हुआ था. लेकिन नया वर्ष भारत के पड़ोसी के लिए राहत भरा हो सकता है.
भारत की सबसे तेज रहेगी ग्रोथ रेट
जहां चीन कोविड की मार झेल रहा है। तो वहीं, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने अमेरिका और यूरोपिय देशों पर बुरा असर डाला है. संकट के दौर में भी भारत सबसे तेज ग्रोथ रेट दर्ज करेगा. 2023 ही नहीं 2024 में भी भारत की इकोनॉमी चीन,अमेरिका जैसे देशों की तुलना में अधिक तेजी के साथ बढ़ेगी.
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “इंडिया आर्थिक केंद्र बना रहेगा. चीन और भारत मिलकर वैश्विक ग्रोथ रेट का आधा साझा करेंगे. वहीं, अमेरिका और यूरोपिय यूनियन के मुकाबले ये दोनों देश 10 गुना अधिक योगदान रहेगा.”