ABC NEWS: हल्द्वानी में मकान टूटने के डर से सड़कों पर धरना दे रहे हजारों लोगों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अतिक्रमण हटाने पर रोक लगाते हुए उत्तराखंड सरकार और रेलवे से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी. सुप्रीम कोर्ट से यह खबर आते ही हल्द्वानी के बनभूलपुरा में खुशी की लहर दौड़ गई.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हाईकोर्ट के उस फैसले पर स्टे लगा दिया, जिसमें सात दिन के भीतर रेलवे की 29 एकड़ जमीन को खाली कराने का आदेश दिया था. जस्टिस एसके कौल और ए एस ओका ने यह भी माना कि यह एक मानवीय मुद्दा है और इसका समाधान बनाने की जरूरत है. हाई कोर्ट ने 20 दिसंबर को अतिक्रमण ध्वस्त करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए एक सप्ताह का नोटिस देने को कहा था.
सुप्रीम कोर्ट से निकलकर वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि इस पूरे मामले को गौर से देखकर कोई समाधान निकालने को कहा गया है. कोर्ट ने कहा कि रेलवे का भी काम हो जाए, उन्हें जगह कैसे मिल सकती है यह देखा जाए. जो लोग वहां रह रहे हैं उनके पुनर्वास की भी व्यवस्था की जाए.
हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को 7 दिनों के भीतर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया था. उत्तराखंड सरकार ने स्थानीय लोगों को नोटिस जारी करते हुए 9 जनवरी तक मकानों को खाली करने को कहा था. बनभूलपुरा में करीब 4400 मकान है, जिनमें करीब 50 हजार लोग रहते हैं. अतिक्रमण हटान के आदेश के बाद से यहां हड़कंप मचा हुआ है. लोग धरने पर बैठे हुए थे.
इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वो रेलवे की भूमि है और रेल विभाग का हाई कोर्ट और उच्च न्यायालय में मुकदमा चल रहा था. ऊधम सिंह नगर में पत्रकारों से बातचीत में धामी ने कहा, ‘हमने पहले ही कहा है कि जो भी न्यायालय का आदेश होगा हम उसके अनुरूप आगे कार्रवाई करेंगे.’