दिल पर भारी पड़ रही जिम एक्सरसाइज: राजू श्रीवास्तव पर हार्ट अटैक की यही वजह, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

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ABC NEWS: राजू श्रीवास्तव को हार्ट अटैक पड़ने के बाद से जिम में कसरत को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं. इस पर हृदय रोग विशेषज्ञ की सलाह है कि जिम में सामान्य व्यक्ति क्षमता से अधिक कसरत न करें. वह उनके लिए घातक हो सकती है. खासकर ट्रेड मिल पर तेज चलने समय गति का अंदाजा नहीं रहता है. वेट लिफ्टिंग भी क्षमता के अनुसार ही करें. कभी भी दूसरे की नकल न करें, क्योंकि आम आदमी और प्रोफेशनल की शारीरिक क्षमता में अंतर होता है.

लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलाजी) के एसोसिएट प्रोफेसर डा. एसके सिन्हा का कहना है कि सामान्य व्यक्ति अपनी शारीरिक क्षमता के हिसाब से ही एक्सरसाइज करें. अगर दिल की बीमारी है तो बिना डाक्टर की सलाह के जिम न जाएं. ट्रेड मिल और वेट लिफ्टिंग भूल कर भी न करें, यह जान के लिए घातक हो सकते हैं.

इस वजह से जिंदगी को खतरा

फुटबाल व रग्बी के खिलाड़ी और एथलीट पूरा जोर लगाकर दौड़ते हैं. खेलते या दौड़ते समय उनके हार्ट की पंपिंग सामान्य से कई गुणा बढ़ जाती है. इसी तरह ट्रेड मिल पर 50 मील या उससे अधिक गति से दौड़ते समय वह काफी उत्साहित हो जाते हैं. ऐसे में अचानक रुकते ही तेजी से सांस फूलने से अचानक से हार्ट फेल हो जाता है. इसे टोको सीबो सिंड्रोम कहते हैं, इसमें व्यक्ति अचानक से मिली खुशी और दुख बर्दाश्त नहीं कर पाता है. इसके अलावा फुटबाल के खिलाड़ियों के दिल की दीवार की एक परत अधिक मोती हो जाती है. इस वजह से ठीक से पंपिंग न हो पाने से हार्ट अटैक पड़ता है, जिसे हाइपरट्रापिक कार्डियो मायोपैथी कहते हैं.

स्टेरायड व प्रोटीन नुकसानदेह

जिम जाने वाले युवा आकर्षक शरीर पाने के लिए स्टेरायड मिक्स प्रोटीन पाउडर का सेवन करने लगते हैं. यह डाइट घातक होती है. इसके सेवन से शरीर की मसल्स तेजी से बनती हैं, लेकिन बाद में घातक साबित होती हैं. सामान्य व्यक्ति के लिए प्रोटीन पाउडर नुकसानदेह है. इसका सीधा असर किडनी पर पड़ता है. इसे हार्ट भी बर्दाश्त नहीं कर पाता है. लंबे समय तक सेवन करने से मसल्स और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.

युवाओं में मौत की वजह 

युवाओं की होने वाली मौतों में 40 प्रतिशत हार्ट अटैक है, उसके बाद दूसरे अन्य कारण होते हैं. हृदय रोग संस्थान में हुए शोध में पाया गया है कि जिन युवाओं की हार्ट अटैक से मौत हुई, उनके हार्ट की तीनों नसों में ब्लाकेज पाया गया. उन्हें पहले ही हार्ट अटैक पड़ चुका था. उनका वजह भी सामान्य से काफी अधिक था और पेट भी निकला हुआ था.

यह है वजह 

मधुमेह (डायबिटीज), उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन), धूमपान (स्मोकिंग), अल्कोहल का सेवन, तनाव (स्ट्रेस), अनियमित दिनचर्या और अनियंत्रित खानपान.

इन बातों का रखें ध्यान 

– दिल के मरीज दो किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक न चलें.

– दिन में 35 मिनट से अधिक कसरत या व्यायाम कतई न करें.

– सप्ताह में पांच दिन से अधिक कसरत करने की जरूरत भी नहीं है.

– प्राणायाम, योग और रोजाना पैदल चलना सेहत के लिए बेहतर.

– ऐसा करने से दिल की नसों में रक्त प्रवाह बेहतर रहता है.

– दिल और शरीर की नसों में थक्का बनने का खतरा कम होता है.

उम्रवार हार्ट अटैक के मामले

05 प्रतिशत : 25 वर्ष से कम उम्र के.

35 प्रतिशत : 25 से 45 वर्ष के युवा.

40 प्रतिशत : 46-60 वर्ष के व्यक्ति.

20 प्रतिशत : 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग.

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