ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और कानपुर रिंग रोड इंटीग्रेटेड होगी. एनएचएआई ने दोनों को जोड़ने की मंजूरी दे दी है. एक्सप्रेस वे से जब भी रिंग रोड पर कहीं भी उतरेंगे, वाहनों से टोल वहीं लिया जाएगा. वाहनों को दोनों के लिए अलग-अलग टोल नहीं देना होगा. कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर निर्माण शुरू हो गया है, जबकि रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण कर अगस्त से निर्माण शुरू होना है.
शहर में 93.2 किलोमीटर की रिंग रोड कानपुर और उन्नाव साइड में बनेगी और लखनऊ एक्सप्रेस-वे उन्नाव से होते हुए कानपुर-लखनऊ के मौजूदा हाईवे से जोड़ा जाएगा लेकिन अब लखनऊ एक्सप्रेस-वे को आटा और अचलगंज साइड यानी आजाद मार्ग के निकट इंटीग्रेटेड जंक्शन से जोड़ दिया जाएगा. साफ है कि लखनऊ से आ रहे वाहन या रिंग रोड से जा रहे वाहन बिना कहीं रुके सीधे लखनऊ और कानपुर जा सकेंगे. वाहन जहां से चढ़ेंगे वहां से उनके वाहन की रीडिंग एनएचएआई के सेंसर रीड करेंगे और जहां पर उतरेंगे, वहां पर फास्टैग से स्वत: टोल कट जाएगा. ऐसा ही प्रयोग हैदराबाद रिंग रोड में किया गया है.
प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई प्रशांत दुबे के मुताबिक लखनऊ एक्सप्रेस-वे और कानपुर रिंग रोड को इंटीग्रेटेड करने का फैसला लिया गया है. उन्नाव में आटा पर इसके लिए जंक्शन बनेगा। एक जंक्शन आजाद मार्ग की ओर होगा ताकि किसी तरह का वाहनों को भटकाव न हो. लखनऊ एक्सप्रेस-वे से सीधे वाहन को सचेंडी या नौबस्ता, मंधना जाना है तो उसे कहीं उतरना नहीं है. वह रिंग रोड के सहारे जा सकेगा.
टोल भी एक बार ही कटेगा. तीसरी सबसे बड़ी रिंग रोड कानपुर रिंग रोड देश की तीसरी सबसे बड़ी (93.2 किमी) होगी. अभी दूसरी सबसे बड़ी लखनऊ रिंग रोड (104 किमी) है जबकि देश की सबसे बड़ी हैदराबाद रिंग रोड (126 किमी) है। दो पुल होंगे कानपुर रिंग रोड में गंगा पर आटा साइड 3.4 और रूमा साइड 1.3 किमी के दो बड़े पुल भी बनेंगे.