अतीक-अशरफ के पीछे चल रही एक-एक बहन, माफिया परिवार को लग रहा एनकाउंटर का डर

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ABC NEWS: उमेश पाल केस में आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और उसके छोटे भाई पूर्व विधायक अशरफ अहमद को बरेली जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. दोनों को 28 मार्च को 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण कांड के फैसले के दिन एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी के लिए लाया जा रहा है. दोनों के शाम तक प्रयागराज पहुंचने की उम्‍मीद है लेकिन इस दौरान दोनों भाइयों और उनके परिवारवालों को अपने एनकाउंटर का डर सता रहा है. यह डर इतना बड़ा है कि दोनों भाइयों के साथ एक-एक बहन चल रही है. एक बहन राजस्‍थान से तो दूसरी बरेली से अपने भाई के काफिले के साथ साए की तरह चल रही है.

एक जमाने में अतीक अहमद और उसके गैंग से प्रयागराज ही नहीं पूरे पूर्वांचल और देश के अन्‍य हिस्‍सों में लोग थर-थर कांपते थे. आरोप है कि 17 साल पहले इन दोनों भाइयों ने विधायक राजू पाल हत्‍याकांड के गवाह रहे उमेश पाल को किडनैप कर अपने दफ्तर पर टार्चर किया था. उन्‍होंने उमेश को डरा कर बयान बदलने पर मजबूर कर दिया था. यही नहीं जेल जाने के बाद भी अतीक और अशरफ की यूपी में तूती बोलती थी. एक व्‍यापारी को किडनैप करने के बाद देवरिया जेल में अतीक के पास ले जाकर पिटाई का मामला सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उसे प्रदेश से बाहर साबरमती जेल में भेजा गया था. अतीक का आतंक वहां जाकर भी कायम रहा लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। कल तक दूसरों को डराने वाला माफिया और उसका परिवार आज खुद डरा हुआ है.

अतीक और अशरफ को प्रयागराज शिफ्ट किए जाने की बात जबसे सामने आई है तबसे प्रतिक्रियाओं में विकास दुबे के एनकाउंटर जैसे गाड़ी पलटने के कयास लगाए जा रहे हैं. रविवार की शाम साबरमती जेल से निकलते वक्‍त अतीक ने खुद भी अपना डर जाहिर किया. अतीक ने कहा था उसकी हत्‍या कराई जा सकती है. क्‍या डर लगा रहा है? के सवाल पर उसने कहा था कि हमको इनका प्रोग्राम पता है. सोमवार को राजस्‍थान से अतीक के काफिले में उसकी बहन और दो अन्‍य महिला रिश्‍तेदारों की गाड़ी नज़र आई. अतीक के अधिवक्‍ता विजय मिश्र इस गाड़ी को ड्राइव कर रहे हैं. झांसी पुलिस लाइन पर अतीक का काफिला थोड़ी देर के लिए रुका तो मीडिया ने गाड़ी में बैठे लोगों से बात की. अतीक के अधिवक्‍ता और बहन ने कहा कि सुरक्षा की दृष्‍ट‍ि से वे काफिले के साथ चल रहे हैं.

वहीं अशरफ की पत्‍नी जैनब और बहन आयशा भी बरेली जेल से अशरफ की रवानगी के पहले ही वहां पहुंच गई थीं. दोनों अशरफ के एनकाउंटर का डर जताया. उन्‍होंने पुलिस के काफिले के पीछे अपनी गाड़ी लगा ली. अशरफ की पत्‍नी-बहन की गाड़ी लगातार काफिले के साथ-साथ चलती रही. अशरफ के काफिले के रूट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. हाईवे की एक लेन से ट्रक और अन्‍य कार्मशियल वाहन हटा दिए गए हैं. सभी टोल टैक्‍स बैरियर्स पर आदेश दिया गया है कि काफिले के निकलने तक अन्‍य वाहन न छोड़े जाएं.

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