ABC News: शहर में 144 लागू करते हुए पुलिस द्वारा लगायी रोक के बावजूद बामसेफ के 37वें प्रांतीय अधिवेशन में समर्थकों की भीड़ पहुंच गई. कुछ पदाधिकारी अधिवेशन स्थल पर पहुंचे तो पुलिस ने बाहर ही उन्हें हिरासत में ले लिया. इसके विरोध में समर्थकों ने धरना शुरू कर दिया.
पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर कार्यक्रम स्थल को चारों तरफ से घेर रखा है. कार्यक्रम स्थल पर समर्थकों की भीड़ है और स्थानीय नेता मौजूद हैं. हालांकि पुलिस की मुस्तैदी के चलते स्थिति पूरी तरह से सामान्य है और सख्ती की वजह से वरिष्ठ पदाधिकारियों के नहीं आने से अधिवेशन को निरस्त कर दिया गया है. बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं को नजरबंद किया गया है. कुछ दिन पहले मेरठ में बामसेफ के अध्यक्ष ने बयान के बाद तनावपूर्ण हालात बन गए थे. वहीं रविवार को बामसेफ का 37वां प्रांतीय अधिवेशन शहर के गोविंद नगर के रूप विजय गेस्ट हाउस में प्रस्तावित था. इसकी जानकारी के बाद पुलिस आयुक्त ने खुफिया रिपोर्ट के आधार पर अधिवेशन के आयोजन पर रोक लगा दी थी. आयोजकों को भी अनुमति नहीं न होने की जानकारी देते हुए धारा 144 लागू कर दी गई. रविवार को कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए बामसेफ के कार्यक्रारी जिला अध्यक्ष छेदी कोरी और राष्ट्रीय प्रचार मंत्री गौतम मंचोडे समेत बड़ी संख्या में पदाधिकारी शहर पहुंच गए थे. कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले बाहर ही पुलिस ने हिरास्त में ले लिया. इसकी सूचना जैसे ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंची तो वहां पहले से पहुंचे एक से डेढ़ हजार समर्थक धरने पर बैठ गए. कार्यक्रर्ताओं को बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश फूल सिंह लोधी ने पुलिस के इस कृत्य को तानाशाही बताया. उन्होंने कहा कि पुलिस-प्रशासन के माध्यम से सरकार हमारी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है. हमारी जितना भी उत्पीड़न हाेना, हमारे समाज की एकजुटता बढ़ेगी. जिला प्रचार मंत्री प्रदीप कुमार ने बताया कि कई पदाधिकारियों को पुलिस ने हिरास्त में लेकर नजरबंद कर दिया है, उन्हें छुड़ाने के लिए बातचीत चल रही है. अधिवेशन का उद्घाटन राघव सिंह सैंथवार को कराना था और बतौर मुख्य अतिथि चौधरी विकास पटेल एवं डा. आर चंद्रा को शिरकत करना था. अध्यक्षता बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम को करना था लेकिन प्रशासन की सख्ती की वजह से ये सभी पदाधिकारी शहर नहीं आ सके. इसकी वजह से सीटीआई कैंपस स्थित रूप विजय गेस्ट हाउस में आयोजित होने वाले प्रांतीय अधिवेशन को निरस्त कर दिया गया है. निषेधाज्ञा लागू होने की वजह से कार्यक्रम स्थल के बाहर और आसपास पुलिस और पीएसी के जवान तैनात रहे. पुलिस कार्यक्रम स्थल के चारो तरफ तैनात रही. इस दौरान कार्यकर्ता गेस्ट हाउस के अंदर भाषण देते रहे. किसी प्रकार का कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हो सका.