ABC News: तुर्किये और सीरिया में भूकंप से हालात बदतर होते जा रहे हैं. अब तक कुल 12,000 लोगों की मौत हो चुकी है. घायलों की संख्या 40 हजार के करीब हो गई है. दोनों देशों की मदद के लिए 70 से भी ज्यादा देश आगे आए हैं. भारत भी ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत मदद भेज रहा है. दरअसल, टर्किश और हिंदी भाषा में ‘दोस्त’ शब्द का इस्तेमाल होता है, इसलिए इस ऑपरेशन का नाम दोस्त रखा गया है.
इधर, भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि तुर्किये में भूकंप आने के बाद से ही एक भारतीय नागरिक लापता है. साथ ही तुर्किये के दूर-दराज के इलाकों में 10 भारतीय फंसे हुए हैं. इन्हें रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है. UN ने कहा है कि बर्फबारी और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है. इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है. एपिसेंटर वाले गाजियांटेप शहर के लोगों का कहना है कि तबाही के 12 घंटे बाद भी उन तक मदद नहीं पहुंची थी. तुर्किये के कई शहरों में तापमान 9 से माइनस 2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थिति में लोगों को हाइपोथर्मिया होना का खतरा है.
भारत ने तुर्किये में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF टीमों के साथ गरुड़ एरोस्पेस कंपनी के ड्रोन भेजे हैं. तुर्किये में 8,754 लोगों की जान जा चुकी है और 35 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. सीरिया में 2,662 से ज्यादा लोग मारे गए और 4 हजार से ज्यादा जख्मी हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि मौत का आंकड़ा 20 हजार के पार जा सकता है. तुर्किये में 8 हजार लोगों को बचा लिया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 60 हजार से ज्यादा बचावकर्मी तैनात किए हैं. यहां लगभग 3 लाख 80 हजार लोगों ने सरकारी शेल्टर और होटलों में शरण ली है.भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये था. इसे देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां टैक्टोनिक प्लेट्स 10 फीट (3 मीटर) तक खिसक गईं. दरअसल, तुर्किये 3 टैक्टोनिक प्लेट्स के बीच बसा हुआ है. ये प्लेट्स हैं- एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट, यूरोशियन और अरबियन प्लेट. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट और अरबियन प्लेट एक दूसरे से 225 किलोमीटर दूर खिसक गई हैं. इसके चलते तुर्किये अपनी भौगोलिक जगह से 10 फीट खिसक गया है. इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉक्टर कार्लो डोग्लियोनी ने बताया कि टैक्टोनिक प्लेट्स में हुए इस बदलाव के चलते हो सकता है कि तुर्किये, सीरिया की तुलना में 5 से 6 मीटर (लगभग 20 फीट) और अंदर धस गया हो. उन्होंने कहा- हालांकि ये जानकारी शुरुआती डेटा से मिली है. आने वाले दिनों में सैटेलाइट इमेज से सटीक जानकारी मिल सकेगी.